अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। 2025 से शेयर बाजार में T+0 सेटलमेंट (T+0 Settlement) सिस्टम का विस्तार होने वाला है। इसका मतलब यह है कि अब शेयरों की खरीद-बिक्री और सेटलमेंट उसी दिन पूरा हो जाएगा। यह बदलाव भारत को दुनिया का पहला ऐसा देश बना देगा, जहां इस तरह का सिस्टम लागू होगा।
T+0 सेटलमेंट क्या है?
T+0 सेटलमेंट (T+0 Settlement) का मतलब है कि जिस दिन आपने ट्रेड किया, उसी दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर आ जाएंगे और पेमेंट का लेनदेन भी पूरा हो जाएगा। अभी तक भारत में T+1 सेटलमेंट सिस्टम चल रहा है, जिसमें ट्रेड के अगले दिन शेयर और पेमेंट का सेटलमेंट होता है। सेबी ने 2024 में इसे कुछ चुनिंदा शेयरों के लिए लागू किया था, और अब इसे धीरे-धीरे सभी बड़े शेयरों पर लागू किया जा रहा है।
मार्च 2025 तक, शीर्ष 500 कंपनियों के शेयरों के लिए यह नया सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा। सेबी के मुताबिक, इसका विस्तार चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, जिससे हर महीने 100 अतिरिक्त शेयरों को इसमें शामिल किया जाएगा।
T+0 सेटलमेंट क्यों जरूरी है?
T+0 सेटलमेंट सिस्टम के लागू होने से निवेशकों को कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे ट्रेडिंग और सेटलमेंट के बीच समय कम हो जाएगा। निवेशकों को उसी दिन शेयर और पेमेंट मिल जाएगा, जिससे बाजार में तरलता (Liquidity) बढ़ेगी।
दूसरा फायदा है कि इससे फंड ब्लॉक होने का खतरा खत्म हो जाएगा। अभी T+1 या T+2 सेटलमेंट सिस्टम में शेयरों और पेमेंट के बीच देरी के कारण फंड कुछ समय तक फंसे रहते हैं। लेकिन T+0 सेटलमेंट सिस्टम से यह समस्या दूर हो जाएगी।
T+1 और T+0 सेटलमेंट में अंतर
T+1 सेटलमेंट सिस्टम में निवेशकों को अपने शेयर और पेमेंट ट्रेडिंग के अगले दिन मिलते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपने बुधवार को ट्रेड किया, तो गुरुवार को आपको शेयर या पेमेंट मिलेगा। लेकिन T+0 सेटलमेंट (T+0 Settlement) में यह प्रक्रिया ट्रेड के दिन ही पूरी हो जाएगी।
दुनिया के अधिकतर शेयर बाजारों में अभी T+2 सेटलमेंट सिस्टम चलता है, जिसमें दो दिन बाद प्रक्रिया पूरी होती है। भारत में यह बदलाव शेयर बाजार को और तेज और निवेशकों के लिए आकर्षक बनाएगा।
नया सिस्टम कैसे लागू होगा?
सेबी ने बताया कि शुरुआत में यह सिस्टम शीर्ष 500 कंपनियों पर लागू किया जाएगा। इसके बाद हर महीने 100 अतिरिक्त शेयरों को इसमें जोड़ा जाएगा। 2025 के मध्य तक, यह सिस्टम सभी प्रमुख शेयरों पर लागू हो जाएगा।
T+0 सेटलमेंट (T+0 Settlement) सिस्टम से जुड़ी सेवाओं के लिए सभी ब्रोकरों को अपने ग्राहकों को यह ऑप्शन देने की अनुमति होगी। बड़े संस्थागत निवेशकों और कस्टोडियन को भी इस सिस्टम को अपनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
#StockMarket #SEBIUpdates #T0Settlement #InvestSmart #ShareTrading
ये भी पढ़ें: Disturbed Marriage: भारत में डिस्टर्ब मैरिज के कारण क्यों इतने ज्यादा लोग ले लेते हैं अपनी जान