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Benefits Of Silence: कभी कोशिश की है? दिन भर का मौन खोल सकता है कई राज़!

Benefits Of Silence
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Benefits Of Silence:  कभी-कभी लगता है जैसे दुनिया का शोर और हमारे अपने विचारों की गूंज हमें सुकून से जीने ही नहीं देती। ऐसे में, क्या आपने जानबूझकर कुछ देर के लिए बोलना बंद करने के बारे में सोचा है? इस अनोखी प्रथा को ‘मौन व्रत’ कहा जाता है, और इसके शरीर और मन, दोनों के लिए कई आश्चर्यजनक फ़ायदे हो सकते हैं। आइए, जानें इस अभ्यास के बारे में और समझें कि कैसे एक दिन की खामोशी आपको बेहतर बना सकती है।

मौन व्रत का विचार कोई नया नहीं है। सदियों से, भारत की विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में मौन की अपनी विशिष्ट जगह रही है। बौद्ध भिक्षु अक्सर लंबी अवधि के लिए मौन व्रत धारण करके आत्म-ज्ञान और शांति पाने का प्रयास करते हैं। लेकिन, क्या इस प्राचीन अभ्यास के वैज्ञानिक आधार भी हैं?

आधुनिक मनोचिकित्सक भी मौन व्रत की अहमियत को मानते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक दिन के मौन के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:-

शारीरिक आराम का एहसास: हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि लगातार बोलने से हमारे स्वर तंत्र (vocal cords), गले और यहां तक कि चेहरे की मांसपेशियों पर भी तनाव पड़ता है। मौन व्रत इन्हें आवश्यक आराम देता है।

तनाव से मुक्ति: दिन भर की भागदौड़ में हम अनजाने में ऐसी बातें कर लेते हैं जो हमारे तनाव को बढ़ाती हैं। मौन रहकर, आप इस तनाव को कम कर सकते हैं, जिससे चिंता (anxiety) में कमी आती है, मन शांत होता है और रात को नींद भी अच्छी आती है।

आत्म-चिंतन के लिए समय: अक्सर हम इतने व्यस्त होते हैं कि खुद के बारे में गहराई से सोचने का समय नहीं निकाल पाते। ज़रा सोचिए, पूरे दिन कुछ न बोलने से आपको अपनी भावनाओं और विचारों का विश्लेषण करने का कितना अच्छा अवसर मिलता है!

एकाग्रता (Focus) में वृद्धि: मौन व्रत आपके दिमाग को शांत करता है, जिससे आप जो भी काम कर रहे हैं, उसमें बेहतर ध्यान लगा पाते हैं। विद्यार्थियों के लिए ये बेहद लाभकारी हो सकता है!

दूसरों को समझने में आसानी: जब हम खुद चुप रहते हैं, हम सामने वाले व्यक्ति की बातें ज़्यादा ध्यान से सुन पाते हैं। यही नहीं, उनके हाव-भाव भी हमारी समझ में बेहतर आने लगते हैं, जिससे आपसी रिश्ते मज़बूत बनते हैं।

ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी के लिए दिन भर मौन रहना आसान या उचित नहीं भी हो सकता है। कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों (जैसे डिप्रेशन या एंग्जायटी डिसऑर्डर) से जूझ रहे लोगों के लिए मौन अकेलेपन और नकारात्मक विचारों को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, अगर आपको सांस लेने में तकलीफ या स्वर तंत्र में समस्याएं हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के मौन व्रत करने से बचें।

यदि आप मौन व्रत का अभ्यास करना चाहते हैं, तो अपने परिवार और दोस्तों को पहले से बताना न भूलें ताकि कोई परेशानी या गलतफहमी न हो। हो सके तो इस यात्रा को और समृद्ध बनाने के लिए ध्यान (meditation) को भी अपने दिन का हिस्सा बनाएं।

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