महाराष्ट्र में बिजली सप्लाई पर अडाणी ग्रुप का बड़ा दांव: महाराष्ट्र को भविष्य में मिलने वाली बिजली सप्लाई में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। हाल ही में, अडाणी ग्रुप ने राज्य को 6600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए सबसे कम बोली लगाकर 25 साल का अनुबंध हासिल कर लिया है। इस अनुबंध में रिन्यूएबल एनर्जी और थर्मल पावर दोनों का मिश्रण है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतों को लंबे समय तक पूरा किया जा सकेगा।
अडाणी ने इस बिजली की सप्लाई के लिए 4.08 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगाई है, जो महाराष्ट्र में वर्तमान में खरीदी जा रही बिजली से लगभग एक रुपये सस्ती है। आइए, जानते हैं इस अनुबंध से महाराष्ट्र और देश के बिजली क्षेत्र पर क्या असर होगा।
अडाणी ग्रुप की जीत: सस्ती बिजली के लिए कमाल की बोली
अडाणी ग्रुप ने इस अनुबंध को जीतने के लिए JSW एनर्जी और टॉरेंट पावर जैसी बड़ी कंपनियों को पछाड़ा है। 6600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए अडाणी ने 4.08 रुपए प्रति यूनिट की दर पर यह अनुबंध हासिल किया है, जो राज्य में खरीदी जा रही मौजूदा बिजली दर से लगभग एक रुपए प्रति यूनिट सस्ती है। इस बोली के तहत अडाणी ग्रुप द्वारा रिन्यूएबल एनर्जी 2.70 रुपए प्रति यूनिट पर सप्लाई की जाएगी, जबकि थर्मल पावर की कीमत कोयले की कीमतों के हिसाब से तय होगी।
यह कदम महाराष्ट्र के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा क्योंकि इससे बिजली की लागत घटेगी और राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता आएगी।
बिजली सप्लाई की शर्तें: 48 महीनों में शुरू होगी सप्लाई
अडाणी ग्रुप को अनुबंध के तहत 48 महीनों के भीतर बिजली की सप्लाई शुरू करनी होगी। इसके लिए राज्य को मिलने वाली बिजली मौजूदा दर से सस्ती होगी, जिससे राज्य के बजट को भी राहत मिलेगी। खास बात यह है कि अडाणी द्वारा दी जाने वाली सोलर पावर की सप्लाई 2.70 रुपए प्रति यूनिट पर होगी, जो कि काफी किफायती है।
मार्च 2024 में, Maharashtra State Electricity Distribution Company Limited (MSEDCL) ने 5000 मेगावाट सोलर पावर और 1600 मेगावाट कोल-बेस्ड पावर की सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया था। इस टेंडर में अडाणी पावर ने बाजी मारी और इस अनुबंध को हासिल किया।
महाराष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में कदम
Maharashtra Electricity Regulatory Commission (MERC) ने 2024-25 के लिए राज्य में बिजली खरीद की औसत कीमत 4.97 रुपए प्रति यूनिट तय की है। इसके मुकाबले, अडाणी ग्रुप की बोली एक रुपए प्रति यूनिट कम है, जिससे राज्य को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा। अडाणी ग्रुप का लक्ष्य 6600 मेगावाट बिजली सप्लाई करना है, जो राज्य की ऊर्जा जरूरतों को अगले कई सालों तक पूरा करने में मदद करेगा।
इसके अलावा, अडाणी की सहयोगी कंपनी Adani Green Energy Limited पहले से ही 11 गीगावाट की प्रोडक्शन क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक इसे 50 गीगावाट तक बढ़ाने का है। इससे न केवल महाराष्ट्र को बल्कि पूरे भारत को स्वच्छ और सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।
अनुबंध के प्रमुख पहलू: थर्मल और सोलर पावर का मिश्रण
यह अनुबंध सिर्फ सोलर पावर पर ही निर्भर नहीं है, बल्कि इसमें थर्मल पावर का भी खासा योगदान होगा। थर्मल पावर की कीमत कोयले के रेट पर तय होगी, जिससे बिजली की मांग को संतुलित किया जा सकेगा। इससे महाराष्ट्र को बिजली की अधिक मांग के समय में भी पर्याप्त सप्लाई मिल सकेगी।
अडाणी ग्रुप के इस अनुबंध से न केवल राज्य की बिजली जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि यह देश के अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी अपने बिजली सेक्टर में प्रतिस्पर्धी दरों पर सप्लाई सुनिश्चित करें। इससे भविष्य में बिजली दरों में भी स्थिरता बनी रहेगी और आम जनता को सस्ती बिजली मिलती रहेगी।
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