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दिल्ली में आज होनी है सर्वदलीय बैठक, असदुद्दीन ओवैसी को भी किया गया है तलब

असदुद्दीन ओवैसी
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पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस गंभीर घटना के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक का उद्देश्य सभी दलों को हमले की विस्तृत जानकारी देना और उनकी राय लेना है। इस बीच, AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसने सुर्खियां बटोरी हैं।

सर्वदलीय बैठक क्यों बुलाई गई?
सर्वदलीय बैठक कोई सामान्य बैठक नहीं होती। इसे तब बुलाया जाता है, जब देश के समक्ष कोई गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा खड़ा होता है। पहलगाम आतंकी हमला भी ऐसा ही एक मामला है, जिसने सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता पर सवाल खड़े किए हैं। इस बैठक में सरकार सभी दलों को हमले की जानकारी देगी और विपक्षी नेताओं के सुझावों को भी सुनेगी। पहले भी ऐसी बैठकें महत्वपूर्ण मौकों पर बुलाई गई हैं, जैसे –

  • 2019 का पुलवामा आतंकी हमला

  • 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद

इन बैठकों में सरकार और विपक्ष मिलकर राष्ट्रीय हित में ठोस कदम उठाने की रणनीति बनाते हैं।

असदुद्दीन ओवैसी का बयान
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक को लेकर पहले नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया है। ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से फोन पर बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि उन्हें भी इस बैठक में शामिल किया जाए।

हालांकि, बाद में ओवैसी ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से फोन करके बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है। ओवैसी ने कहा कि, “ये सर्वदलीय बैठक एक राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है। गृहमंत्री अमित शाह ने मुझे फोन किया और पूछा कि मैं कहां हूं। उन्होंने मुझे दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होने को कहा। मैं तुरंत टिकट बुक कर रहा हूं और जल्द से जल्द दिल्ली पहुंचूंगा।”

इस बयान से साफ है कि ओवैसी इस बैठक में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं और इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक मानते हैं।

सर्वदलीय बैठक का महत्व
सर्वदलीय बैठक देश की एकता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक मजबूत उदाहरण है। ऐसी बैठकों में सरकार विपक्ष को घटना की पूरी जानकारी देती है। विपक्षी दल अपने विचार और सुझाव साझा करते हैं, और राष्ट्रीय सुरक्षा और नीतिगत फैसलों पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जाती है।

पहलगाम हमले के बाद ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये देश की आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम हो सकता है।

पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दिया है। केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक और असदुद्दीन ओवैसी का इसमें शामिल होना इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर सभी दल एक साथ खड़े हो सकते हैं। ये बैठक न केवल हमले की जांच और कार्रवाई की दिशा तय करेगी, बल्कि देशवासियों को ये भरोसा भी देगी कि सरकार और विपक्ष मिलकर इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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