Ahmadabad Plane Crash: अहमदाबाद के आसमान में 12 जून को एअर इंडिया की उड़ान AI-171 के साथ हुई त्रासदी ने न केवल 260 जिंदगियों को छीन लिया, बल्कि पीड़ित परिवारों के जख्मों को और गहरा कर दिया। इस दर्दनाक हादसे के बाद शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा गया, लेकिन अब ब्रिटेन के दो परिवारों ने एक ऐसा सच उजागर किया है, जिसने हर किसी को झकझोर दिया। इन परिवारों का दावा है कि उन्हें उनके प्रियजनों के बजाय गलत शव सौंपे गए। ये खुलासा तब हुआ, जब लंदन में डीएनए टेस्ट से इस भयावह भूल का पता चला। एक परिवार तो इतना सदमे में है कि उन्होंने अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार तक नहीं किया।
गलत शव और टूटे दिल
डेली मेल की एक रिपोर्ट ने इस दुखद कहानी को और गहराई से उजागर किया। एक परिवार को जो अवशेष मिले, वे उनके प्रियजन के साथ-साथ किसी अन्य यात्री के अवशेषों के साथ मिश्रित थे। ये सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि जिस शव को परिवार ने अपने प्रिय का समझकर अंतिम विदाई की तैयारी की, वो उनका नहीं था। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि हादसे के बाद शवों की डीएनए पहचान सही तरीके से नहीं की गई। इस लापरवाही की वजह से गलत शव ब्रिटेन पहुंच गए, जिसने परिवारों के दर्द को और बढ़ा दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में मारे गए कई ब्रिटिश नागरिकों का अंतिम संस्कार भारत में ही किया गया, जबकि 12 यात्रियों के पार्थिव शरीर ब्रिटेन भेजे गए। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई? क्या प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ? क्या मृतकों की गरिमा को सचमुच वो सम्मान मिला, जिसका दावा किया जा रहा है?
विदेश मंत्रालय का जवाब: “हम ब्रिटिश अधिकारियों के साथ हैं”
इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने इस मामले की रिपोर्ट देखी है और ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अहमदाबाद में हुए इस दुखद हादसे के बाद सभी शवों की पहचान प्रोटोकॉल और तकनीकी प्रक्रियाओं के अनुसार की गई थी। मृतकों की गरिमा का पूरा ध्यान रखा गया और शवों को पेशेवर तरीके से संभाला गया।” उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए भारत ब्रिटिश अधिकारियों के साथ काम करना जारी रखेगा।
लेकिन क्या ये आश्वासन उन परिवारों के लिए काफी है, जो अपने प्रियजनों को आखिरी बार ठीक से अलविदा भी नहीं कह पाए?
परिवारों की पुकार: “हमें जवाब चाहिए”
लंदन में पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने इस मामले में गहरी जांच की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया, “हादसे के बाद शवों की बरामदगी और उनकी पहचान कैसे हुई? आखिर इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई?” परिवारों का गुस्सा और दर्द जायज है। वे चाहते हैं कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाब देना पड़े।
इस हादसे में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक की जान गई थी। हर एक शव के पीछे एक परिवार की कहानी है, उनके सपने हैं, और उनका दुख है। लेकिन गलत शव मिलने की इस त्रासदी ने उनके जख्मों पर नमक छिड़क दिया।
एक अनुत्तरित सवाल
ये हादसा न केवल एक तकनीकी विफलता की कहानी है, बल्कि उन परिवारों की भावनाओं की अनदेखी की भी कहानी है, जो पहले ही अपने प्रियजनों को खोने के गम से जूझ रहे हैं। क्या ये लापरवाही थी या प्रक्रिया में कमी? क्या परिवारों को उनके प्रियजनों का आखिरी सम्मान करने का हक नहीं मिलना चाहिए था?
जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, पीड़ित परिवारों का दर्द कम नहीं होगा। हमारी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जो इस त्रासदी से गुजर रहे हैं।
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