महाराष्ट्र

रामगिरि महाराज के विवादित बयान के बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल!

रामगिरि महाराज के विवादित बयान के बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल!
हाल ही में रामगिरि महाराज द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों ने महाराष्ट्र में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश है और राज्यभर में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। मुस्लिम नेताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रामगिरि महाराज की गिरफ्तारी की मांग की है, ताकि शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे।

विवादित बयान और समुदाय का आक्रोश

15 अगस्त को महाराष्ट्र के नासिक जिले के पचाले गांव में रामगिरि महाराज ने एक सभा में पैगंबर मोहम्मद और उनकी पत्नी हजरत आयशा के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणियां कीं। इस बयान के बाद पूरे राज्य में मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया। महाराज के इस बयान से न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, बल्कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ गया है। रज़ा अकादमी जैसी प्रमुख सुन्नी मुस्लिम संस्थाओं ने इस बयान के विरोध में 22 अगस्त को ‘प्रोटेक्शन ऑफ द ऑनर ऑफ द प्रॉफेट डे’ मनाने की घोषणा की है।

FIR और हाईकोर्ट की याचिका

रामगिरि महाराज के खिलाफ मुंबई समेत राज्य के कई पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। बावजूद इसके, अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इस बात से नाराज़ होकर मुस्लिम उलेमाओं और नेताओं ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला से मुलाकात की और तुरंत कार्रवाई की मांग की। इसी बीच, चेंबूर की हजरत ख्वाजा गरीब वेलफेयर एसोसिएशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर सवाल उठाया है। याचिका में कहा गया है कि रामगिरि महाराज जैसे प्रभावशाली व्यक्ति सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं, और अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो समाज में गंभीर कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है।

धार्मिक तनाव और न्याय की उम्मीद

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि रामगिरि महाराज के विवादित बयान के बाद उनके भाषण और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे हालात और बिगड़ गए। 18 अगस्त को पायधोनी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप शामिल है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह मुंबई पुलिस आयुक्त और पायधोनी पुलिस को रामगिरि महाराज की गिरफ्तारी के निर्देश दे, ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके और समाज में शांति बनी रहे।

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