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Age of stars: क्या वाकई मर चुके हैं हमें दिखने वाले तारे? चौंका देगा आपको ये सच!

Age of stars: क्या वाकई मर चुके हैं हमें दिखने वाले तारे? चौंका देगा आपको ये सच!

Age of stars: रात के आसमान में चमकते तारे हमेशा से हमारी जिज्ञासा का कारण रहे हैं। लेकिन एक धारणा है कि जो तारे हम देख रहे हैं, वे असल में पहले ही मर चुके होते हैं। उनकी रोशनी, जो हमें दिखती है, वो उनके जीवनकाल के खत्म होने के बाद की है। लेकिन क्या यह बात सच है? क्या विज्ञान इसके पीछे कोई और कहानी बताता है? आइए, इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं।

कई लोग मानते हैं कि तारे बहुत दूर होते हैं और उनकी रोशनी लाखों वर्षों में धरती तक पहुंचती है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय की खगोल विज्ञानी डॉ. लॉरा ड्रिसेन के अनुसार, अधिकतर तारे हमारी अपनी गैलेक्सी (Milky Way) के अंदर ही स्थित हैं। इस गैलेक्सी का आकार करीब एक लाख प्रकाशवर्ष का है। हम जो तारे देखते हैं, वे अधिकतर 74,000 प्रकाशवर्ष के अंदर ही होते हैं। यानी यह कहना गलत होगा कि वे इतनी दूर हैं कि उनकी रोशनी हमें उनकी मृत्यु के बाद ही दिखती है।

यह सवाल बहुत आम है लेकिन इसका जवाब है—नहीं। जो तारे हमें दिखते हैं, उनमें से अधिकतर अभी भी जीवित हैं। तारे अरबों साल तक जिंदा रहते हैं। कुछ भारी तारे, जिनका जीवन छोटा होता है, वे जरूर जल्दी खत्म हो सकते हैं। लेकिन उनकी जगह छोटे और मध्यम आकार के तारे, जो काफी लंबे समय तक जीवित रहते हैं, आकाश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। डॉ. ड्रिसेन बताती हैं कि अधिकतर तारे अभी भी सक्रिय हैं और उनकी रोशनी लगातार धरती तक पहुंच रही है।

तारों का जीवन गैस और धूल के बादलों से शुरू होता है। यह प्रक्रिया लाखों साल तक चलती है और अंत में तारे सुपरनोवा, न्यूट्रॉन स्टार या ब्लैक होल में बदल जाते हैं। बड़े तारे जल्दी खत्म हो सकते हैं, लेकिन छोटे तारे जैसे सूर्य (Sun) अरबों साल तक जिंदा रहते हैं। तारों की उम्र (Age of stars) और उनकी रोशनी का सफर (Journey of starlight) इस बात का प्रमाण हैं कि जो तारे हमें दिख रहे हैं, वे अधिकतर अब भी जिंदा हैं।

तारों की रोशनी को धरती तक पहुंचने में वक्त जरूर लगता है, लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं है कि हम मान लें कि सभी तारे मर चुके हैं। धरती के सबसे नजदीकी तारे अल्फा सेंचुरी (Alpha Centauri) की रोशनी को हम तक पहुंचने में केवल 4.3 साल लगते हैं। इसका मतलब है कि हम इसे “ताजा” देख रहे हैं।

हमारे जीवनकाल में तारों तक पहुंचना अभी संभव नहीं है, लेकिन विज्ञान ने हमें उम्मीद दी है। उदाहरण के लिए, अल्फा सेंचुरी, जो केवल 4 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है, तक पहुंचने के लिए तकनीक विकसित की जा सकती है।

तारों की दूरी और उनकी रोशनी के सफर को समझने से यह पता चलता है कि अधिकतर तारे आज भी जिंदा हैं। रात में हमें जो तारे दिखते हैं, वे केवल उनकी उम्र का एक हिस्सा दिखाते हैं।

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