पिछले साल भिवंडी में एक इमारत गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में इमारत के मालिक को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है।
दरअसल भिवंडी में पिछले साल अप्रैल के महीने में एक इमारत ढह गई थी, जिससे कई लोग मलबे में दब गए थे। पुलिस ने इमारत के मालिक, इंद्रपाल गुरुनाथ पाटिल को गिरफ्तार किया था और उसपर मामला दर्ज किया था। लेकिन अब कोर्ट ने मालिक के हित में फैसला सुनाते हुए कहा है कि, “जांच पूरी हो चुकी है और सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। इसलिए, इमारत के मालिक को जमानत दे दी गई है।”
बता दें कि पाटिल पर आरोप था कि उन्होंने बिल्डिंग बनाने की परमिशन लिए बिना ही तीन मंजिला इमारत बना दी थी। उन्होंने बिल्डिंग की मजबूती की परवाह किए बिना ही एक टेलिकॉम कंपनी को मोबाइल टावर लगाने की भी इजाजत दे दी थी।
मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो पाटिल के वकीलों ने कहा कि इमारत गिरने में उनके मुवक्किल की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि बिल्डिंग को ग्राम पंचायत से मंजूरी मिली थी और मोबाइल टावर स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सर्टिफिकेट लेने के बाद ही लगाया गया था।
ये फैसला कई सवाल खड़े करता है। क्या इमारत के मालिक को इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी जमानत मिलनी चाहिए थी? क्या ये फैसला पीड़ित परिवारों के साथ इंसाफ है?
सरकारी जांच में ये बात सामने आई थी कि इमारत अपनी क्षमता से ज्यादा सामान रखने के कारण गिरी थी। हालांकि, कोर्ट ने माना कि इस मामले में मालिक की जिम्मेदारी पर बहस हो सकती है।
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