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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: एलजी को एमसीडी में 10 पार्षद मनोनीत करने का अधिकार, दिल्ली सरकार की सलाह की आवश्यकता नहीं

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: एलजी को एमसीडी में 10 पार्षद मनोनीत करने का अधिकार, दिल्ली सरकार की सलाह की आवश्यकता नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एलजी को एमसीडी में 10 पार्षद (एल्डरमैन) मनोनीत करने का अधिकार दिया है, जिससे केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के लिए एलजी को दिल्ली सरकार से सलाह लेने की जरूरत नहीं है। इस फैसले का एमसीडी के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ा है, जो पिछले 14 महीने से लंबित था।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी में एल्डरमैन नियुक्ति मामले में स्पष्ट रूप से कहा है कि 10 एल्डरमैन मनोनीत करने का अधिकार एलजी के पास है। जस्टिस नरसिम्हा ने अपने फैसले में बताया कि एलजी को यह पावर दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऐक्ट से मिली है। इस वजह से उन्हें दिल्ली सरकार से सलाह लेने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि एलजी की यह शक्ति वैधानिक है, न कि कार्यकारी, इसलिए वह अपने विवेक के अनुसार कार्य कर सकते हैं।

दिल्ली सरकार की आपत्ति

दिल्ली सरकार ने इस मामले में आपत्ति जताई थी कि पिछले 30 साल से एल्डरमैन की नियुक्ति दिल्ली सरकार करती रही है और एलजी केवल सलाहकार की भूमिका में थे। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह पहला मौका है जब एलजी ने सीधे एल्डरमैन मनोनीत किया है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि पहले भी कई बार दिल्ली और केंद्र में अलग-अलग सरकारें रही हैं, लेकिन तब भी एलजी ने दिल्ली सरकार की सलाह मानी थी।

एलजी की शक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में सदस्यों को मनोनीत करने की एलजी की शक्ति एक वैधानिक शक्ति है, जो कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऐक्ट के तहत आती है। अनुच्छेद 239 AA के तहत केबिनेट की सलाह की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि संविधान का अनुच्छेद 243 लागू होता है। कोर्ट के इस फैसले से यह साफ हो गया कि एलजी को अपने विवेक के अनुसार एल्डरमैन मनोनीत करने का अधिकार है।

एमसीडी के कामकाज पर प्रभाव

यह फैसला 14 महीने से लंबित था, जिससे एमसीडी के कामकाज पर भी असर पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, जनवरी 2023 में एलजी द्वारा तय किए गए नाम ही मान्य रहेंगे। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि एलजी को एमसीडी में पार्षद नियुक्त करने का पूरा अधिकार है और इसके लिए उन्हें दिल्ली सरकार की सलाह की जरूरत नहीं है।

इस फैसले के बाद, एमसीडी में कामकाज में तेजी आने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि एलजी को एमसीडी में पार्षद मनोनीत करने का अधिकार है और इसके लिए उन्हें दिल्ली सरकार की सलाह की जरूरत नहीं है।

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