बांद्रा (पूर्व) स्टेशन के पास वाला स्काईवॉक तोड़ दिया गया था नए निर्माण के लिए। BMC ने कोर्ट में वादा किया था कि बहुत जल्द नया स्काईवॉक बन जाएगा। मगर अब तक कुछ नहीं हुआ। कोर्ट को गुस्सा आ गया है और उन्होंने BMC को लताड़ लगाई है। साथ ही, स्टेशन से HDIL तक के फुटपाथ की हालत भी बहुत खराब है।
पिछले साल कोर्ट में अर्ज़ी लगी थी जिसमें बताया गया था कि बांद्रा (पूर्व) रेलवे स्टेशन पर MHADA ऑफिस की तरफ वाला स्काईवॉक तोड़ दिया गया है, जिससे BKC जाने वाले रोज़मर्रा के यात्रियों को भारी दिक्कत हो रही है। सिर्फ़ एक ही फुटपाथ है जो बहुत भीड़भाड़ वाला रहता है, एक्सीडेंट्स भी होते हैं।
कोर्ट में BMC ने हलफनामा देकर कहा था कि वो नए तरीके से स्काईवॉक का निर्माण करेंगे और दो महीने में टेंडर्स निकाल दिए जाएंगे। उनका दावा था कि 15 महीने में नया पुल तैयार हो जाएगा। कोर्ट ने तब BMC से कहा था कि जल्दी से काम करे और फुटपाथ की समस्या भी देखे।
मगर क्या हुआ? पूरे एक साल बाद भी स्काईवॉक बनना तो दूर, उसका काम शुरू भी नहीं हुआ है! साथ ही फुटपाथ की हालत और भी खस्ता हो गई है, देखकर लगता ही नहीं कि सभ्य शहर में हम रह रहे हैं। इस लापरवाही पर कोर्ट ने BMC की क्लास लगा दी है।
कोर्ट ने कहा है कि BMC ने जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए, ये कोर्ट की अवमानना (contempt) है। याचिकाकर्ता का नाम के.पी. पुरुषोत्तमन नायर है, जो बांद्रा में रहते हैं। अब कोर्ट ने BMC को 27 मार्च तक जवाब देने को कहा है।