बॉम्बे हाई कोर्ट ने रियल एस्टेट कारोबारी और पूर्व सांसद अख्तर हसन रिज़वी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी उनके खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ (LOC) को रद्द कर दिया है। केंद्र सरकार ने यह LOC राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की सिफारिश पर जारी किया था।
मुंबई के कालिना इलाके में रिज़वी की एक प्रॉपर्टी में साल 2012 में निवेश करने वाले परिवार ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इसके बाद वाकोला पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था, जिसे बाद में EOW को ट्रांसफर कर दिया गया। लगभग 82 साल के रिज़वी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
रिज़वी के वकील राजीव चव्हाण ने कोर्ट में कहा कि पिछले साल जब रिज़वी इलाज कराने के लिए लंदन जाना चाहते थे, तो EOW ने उनके खिलाफ LOC निलंबित कर दिया था, जिसके बाद वो लंदन गए थे और अपना इलाज पूरा होने के बाद भारत वापस भी लौटे थे।
हाई कोर्ट ने पुलिस और EOW की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति को सिर्फ आरोपों के आधार पर इस तरह परेशान नहीं किया जा सकता। कोर्ट के इस फैसले से रिज़वी को फिलहाल राहत मिल गई है और वह अब विदेश यात्रा कर सकेंगे।
बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और मंजुषा ए देशपांडे की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया है।