अमेरिकी वीज़ा पाने की चाहत में मुंबई के तीन युवकों ने ऐसा जाल रचा कि खुद ही पुलिस के शिकंजे में फंस गए। बांद्रा स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने इन तीनों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज जमा करने का मामला दर्ज करवाया है।
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने भारत की एक बड़ी क्रूइंग कंपनी के नाम से नकली अपॉइंटमेंट लेटर बनाए थे। इन जाली दस्तावेजों के सहारे वे अमेरिकी वीज़ा हासिल करना चाहते थे। पुलिस का अनुमान है कि इस फर्जीवाड़े में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
पुलिस के मुताबिक, केरल के रहने वाले एबल विल्सन और सूरज नायर को 27 फरवरी को वीज़ा इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। दोनों ने ‘कार्निवल सपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के नाम से अपॉइंटमेंट लेटर जमा किए। इन पत्रों को देखकर ही दूतावास के अधिकारियों को शक हो गया। जब कंपनी से इन पत्रों की सत्यता के बारे में पूछा गया, तो पूरा मामला सामने आ गया।
वीज़ा हासिल करने के लिए इस तरह के फर्जीवाड़े के मामले अक्सर सामने आते हैं। यह दिखाता है कि किस तरह से लोग गलत रास्ते अपनाने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे मामलों में अक्सर गिरोह काम करते हैं, इसलिए पुलिस को इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की ज़रूरत है।
अपनी जालसाजी पकड़े जाने पर विल्सन और नायर अपना पासपोर्ट समेत दूसरे दस्तावेज़ दूतावास में ही छोड़कर भाग गए। पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया है। तीसरे आरोपी विकास की तलाश जारी है।