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पश्चिम बंगाल के दो आईपीएस अधिकारियों पर केंद्र सरकार की कार्रवाई, राज्यपाल को बदनाम करने का आरोप

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पश्चिम बंगाल के दो आईपीएस अधिकारियों पर केंद्र सरकार ने कार्रवाई शुरू की है। इन अधिकारियों पर राज्यपाल को बदनाम करने का आरोप है।

मामला क्या है?

राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की रिपोर्ट के आधार पर, गृह मंत्रालय ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और डीसीपी इंदिरा मुखर्जी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों अधिकारियों ने ऐसा काम किया है जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है।

राज्यपाल की रिपोर्ट:

राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए मनगढ़ंत आरोपों को इन पुलिस अधिकारियों ने बढ़ावा दिया। इसके अलावा, उन्होंने राज्यपाल के कार्यालय को बदनाम करने की भी कोशिश की। राज्यपाल ने कहा कि इन अधिकारियों के कृत्य से न केवल राज्यपाल का कार्यालय कलंकित हुआ, बल्कि उनका आचरण भी लोक सेवक के लिए अनुचित था।

अन्य अधिकारियों पर भी आरोप:

राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में राज्य के कुछ अन्य अधिकारियों के आचरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने चोपड़ा हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए सिलीगुड़ी की अपनी हालिया यात्रा का उल्लेख किया और बताया कि दार्जिलिंग डीएम और सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उनसे मुलाकात नहीं की।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

विनीत गोयल ने बताया कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इंदिरा मुखर्जी ने भी कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। राज्य की गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

इस प्रकार, राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, जिससे राज्य में प्रशासनिक तनाव बढ़ गया है।

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