नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर काफी विवाद हुआ था, याद है न? अब सरकार ने इसके लिए नियम बना दिए हैं और आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। एक नया ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है – https://indiancitizenshiponline.nic.in. यहाँ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग, जो 2014 से पहले भारत आ गए हैं, नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अब मज़े की बात सुनिए! सरकार ने इस मामले में ढील दे दी है। सीएए के तहत अब इन देशों के लोगों को भारत में नागरिकता लेने के लिए ना पासपोर्ट दिखाना होगा, ना वीज़ा! क्या चीज़ें चलेंगी, ज़रा देखिए:
- पुराने स्कूल-कॉलेज के सर्टिफिकेट्स
- ज़मीन-जायदाद के कागज़ात
- कोई पुराना लाइसेंस या सर्टिफिकेट
- सरकारी पहचान पत्र
- यहाँ तक कि, अगर आपके किसी पार्लियामेंट या असेंबली मेंबर रिश्तेदार ने लिख कर दे दिया कि आप फलां जगह के रहने वाले थे, तो वो भी चलेगा!
बस, किसी तरह साबित करना होगा कि या तो आप ख़ुद, या आपके माता-पिता, दादा-दादी, परदादा-परदादी इन तीन देशों में से किसी एक के नागरिक हैं या थे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि इसके लिए एक ‘CAA-2019’ नाम का मोबाइल ऐप भी लाया जाएगा ताकि लोग फ़ोन से ही अप्लाई कर सकें।
पहले सीएए को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे। सरकार का कहना है कि इससे भारतीय नागरिकों के अधिकारों का हनन नहीं होगा, मगर इस कानून के विरोधी इसे भेदभावपूर्ण बताते हैं। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। ये देखना दिलचस्प होगा कि इसका क्या असर होता है!