मिर्ची का नाम सुनते ही लोग सतर्क हो जाते हैं। दुनियाभर में इसे खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत में मिर्च दक्षिण भारतीय व्यंजनों का एक अहम हिस्सा है, लेकिन इसका इस्तेमाल पूरे देश में होता है। मिर्ची का इतिहास जानें तो इसकी शुरुआत मेक्सिको और मध्य अमेरिका से हुई थी। भारत में इसे 14वीं सदी में पुर्तगालियों ने लाया था।
मिर्च खाने से क्यों होती है जलन?
मिर्च के छिलके में ‘केप्साइसिन’ नाम का एक रसायन होता है, जो जीभ की सतह की कोशिकाओं से प्रतिक्रिया करता है और जलन का एहसास कराता है। जब हम बहुत गर्म चाय या कॉफी पीते हैं तो वही कोशिकाएं मिर्ची खाने पर भी मस्तिष्क तक जलन का संदेश भेजती हैं।
अलग-अलग भाषाओं में मिर्च के नाम
मिर्च का वैज्ञानिक नाम ‘कैप्सिकम एनम’ है, लेकिन इसे अलग-अलग भाषाओं में अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी में लाल मिर्च, बंगाली और उड़िया में लंका या लंकामोरिच, गुजराती में मार्च और मलयालम में मुलाकू कहा जाता है। भारत में सबसे ज्यादा मिर्च की पैदावार आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में होती है।
मनुष्य को मिर्ची क्यों पसंद है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि मिर्च का विकास इस प्रकार हुआ कि स्तनधारी जानवर इसे न खा सकें। लेकिन समय के साथ इंसानों ने इसे पसंद करना शुरू कर दिया। दुनियाभर में मिर्च की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म जलवायु वाले देशों में मसालों का अधिक उपयोग होता है।
हरी मिर्च खाने के फायदे
डॉक्टरों का कहना है कि हरी मिर्च खाने से कई फायदे होते हैं। आयरन की कमी से जूझ रहे लोगों को हरी मिर्च जरूर खानी चाहिए। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है।
लाल मिर्च के नुकसान
लाल मिर्च का अधिक सेवन स्किन समस्याएं जैसे लालिमा, सूजन, मुंह के छाले और माउथ बर्निंग का कारण बन सकता है। ज्यादा मिर्च खाने से मुंह जल सकता है। लाल मिर्च की तासीर गर्म होती है, जो शरीर में गर्मी बढ़ा सकती है। इसके सेवन से गले की समस्याएं, खांसी और सर्दी भी हो सकती है।
मिर्ची का स्वाद तीखा होने के बावजूद भी लोग इसे पसंद करते हैं। इसके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।