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चीन को बड़ा झटका! श्रीलंका ने भारतीय कंपनी को सौंप दिया मटाला हवाई अड्डा का नियंत्रण

चीन को बड़ा झटका! श्रीलंका ने भारतीय कंपनी को सौंप दिया मटाला हवाई अड्डा का नियंत्रण

श्रीलंका ने एक बड़े फैसले में मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का प्रबंधन एक भारतीय और रूसी कंपनी को सौंपने का फैसला किया है। यह फैसला चीन के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने इस हवाई अड्डे के निर्माण में श्रीलंका की मदद की थी।

मटाला हवाई अड्डा क्यों बना था?

मटाला हवाई अड्डे का निर्माण श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के शासनकाल में हुआ था। यह हवाई अड्डा श्रीलंका के दक्षिण में स्थित है और इसे देश के हवाई परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के लिए बनाया गया था।

चीन की भूमिका क्या थी?

चीन ने मटाला हवाई अड्डे के निर्माण के लिए श्रीलंका को भारी वित्तीय मदद दी थी। हालांकि, इस प्रोजेक्ट पर कई सवाल भी उठाए गए थे, क्योंकि चीन ने श्रीलंका को उच्च ब्याज दर पर लोन दिया था।

श्रीलंका ने भारतीय और रूसी कंपनी को क्यों चुना?

श्रीलंका सरकार का कहना है कि भारतीय और रूसी कंपनी ने मटाला हवाई अड्डे के प्रबंधन के लिए सबसे अच्छी बोली लगाई थी। सरकार को उम्मीद है कि ये कंपनियां हवाई अड्डे को अधिक लाभदायक बना देंगी।

यह फैसला चीन के लिए क्यों बुरी खबर है?

चीन इस हवाई अड्डे को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानता था। चीन का मानना ​​था कि यह हवाई अड्डा उसे हिंद महासागर में अपनी बढ़ती उपस्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।

हवाई अड्डे का भविष्य क्या है?

यह देखना बाकी है कि भारतीय और रूसी कंपनियां मटाला हवाई अड्डे को कैसे बदलेंगी।

श्रीलंका का यह फैसला दर्शाता है कि वह चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है। भारत और रूस के साथ संबंध मजबूत करना श्रीलंका के लिए एक रणनीतिक विकल्प भी हो सकता है।

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