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China’s Gold Reserve: दुनिया में सबसे ज्यादा सोना पैदा करने वाला चीन आखिर क्यों खरीद रहा लाखों किलो सोना? क्या है ड्रैगन की चाल?

China's Gold Reserve: दुनिया में सबसे ज्यादा सोना पैदा करने वाला चीन आखिर क्यों खरीद रहा लाखों किलो सोना? क्या है ड्रैगन की चाल?

China’s Gold Reserve: चीन, जो पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा सोने का उत्पादक है, पिछले कुछ वर्षों से बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी कर रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में चीन ने 225 टन सोना खरीदा, जिससे उसका कुल गोल्ड रिजर्व 2,235 टन तक पहुंच गया। साल 2024 में भी चीन ने 29 टन यानी 29,000 किलो सोना खरीद लिया। सवाल यह उठता है कि जब चीन के पास पहले से ही सबसे ज्यादा सोने की खानें और उत्पादन क्षमता है, तो उसे इतनी तेजी से सोना खरीदने की जरूरत क्यों पड़ रही है? क्या चीन आर्थिक रणनीति बना रहा है या फिर यह किसी बड़े वैश्विक खेल का हिस्सा है?

चीन ने 2022 से सोना खरीदना क्यों शुरू किया?

चीन की सोने की भूख 2022 के बाद अचानक बढ़ गई। इससे पहले चीन सोने का सबसे बड़ा उत्पादक तो था, लेकिन इतनी आक्रामक खरीदारी नहीं कर रहा था। 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा, कोविड-19 महामारी और अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर जैसी चुनौतियों के कारण चीन ने अपने आर्थिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करना शुरू किया।

चीन के केंद्रीय बैंक “पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC)” ने 2023 में अपनी सोने की खरीद 30% तक बढ़ा दी। इसका सीधा मतलब था कि चीन अब अपने विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करने के लिए सोने पर ज्यादा भरोसा कर रहा था।

चीन का गोल्ड रिजर्व कहां खड़ा है?

हालांकि चीन सोने का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन गोल्ड रिजर्व के मामले में वह अभी भी अमेरिका, जर्मनी और इटली जैसे देशों से पीछे है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार:

  • अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 8,133.46 टन सोना रिजर्व में है।
  • जर्मनी के पास 3,351.53 टन सोना है।
  • इटली के पास 2,451.84 टन सोना है।
  • फ्रांस और रूस भी 2,436.97 और 2,335.85 टन सोने के साथ चीन से आगे हैं।
  • चीन का गोल्ड रिजर्व 2,264.32 टन है और वह छठे स्थान पर है।

यह साफ है कि चीन अभी भी सोने के भंडारण के मामले में पीछे है और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार सोना खरीद रहा है।

सोने का उत्पादन करने में चीन सबसे आगे

चीन न सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड खरीदार बन चुका है, बल्कि यह दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड उत्पादक भी है।

  • 2023 में चीन ने 378.2 टन सोने का उत्पादन किया।
  • रूस ने 321.8 टन, ऑस्ट्रेलिया ने 293.8 टन, कनाडा ने 191.9 टन और अमेरिका ने 166.7 टन सोने का उत्पादन किया।

इसके बावजूद चीन अपने उत्पादन से ज्यादा सोना खरीद रहा है।

चीन के पास कितनी गोल्ड माइन्स हैं?

चीन के पास 117 से अधिक सोने की खानें हैं, जहां से हर साल लाखों किलो सोना निकाला जाता है। हाल ही में चीन में एक बड़ा सोने का भंडार भी खोजा गया है।

हुनान प्रांत के भूविज्ञान ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, इस भंडार में लगभग 300 टन सोना दबा हुआ है। इसका मतलब है कि चीन के पास सोने का उत्पादन करने और भंडार को बढ़ाने के दोनों तरीके उपलब्ध हैं।

चीन इतनी तेजी से सोना क्यों खरीद रहा है?

चीन की सोने की खरीदारी के पीछे कई बड़े कारण हैं:

1. अमेरिकी डॉलर से दूरी बनाना

चीन का मानना है कि अमेरिकी डॉलर की ताकत घट सकती है। अगर चीन अपना विदेशी मुद्रा भंडार सोने में बदल देता है, तो उसे डॉलर पर कम निर्भर रहना पड़ेगा।

2. वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता

कोविड-19 महामारी और वैश्विक मंदी की आशंका के कारण चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सोने का भंडारण कर रहा है।

3. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो गया। अमेरिका ने चीन से आने वाले उत्पादों पर भारी टैक्स लगा दिया, जिससे चीन को अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए नए तरीके खोजने पड़े।

4. सोना आर्थिक संकट में मदद करता है

इतिहास गवाह है कि जब भी आर्थिक संकट आता है, तो सोना सबसे सुरक्षित निवेश साबित होता है। अमेरिका भी इस रणनीति का इस्तेमाल कर चुका है, और अब चीन उसी रास्ते पर चल रहा है।

5. चीन सुपरपावर बनने की तैयारी कर रहा है

चीन की ये रणनीति उसे आर्थिक रूप से सुपरपावर बनाने के लिए है। अमेरिका का सबसे बड़ा आर्थिक हथियार उसका गोल्ड रिजर्व है, और चीन उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

क्या चीन भविष्य में सोने से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर राज करेगा?

अगर चीन इसी रफ्तार से गोल्ड रिजर्व बढ़ाता रहा, तो आने वाले वर्षों में वह अमेरिका को टक्कर दे सकता है।

  • अमेरिका अब भी सबसे बड़ा गोल्ड होल्डर है, लेकिन चीन धीरे-धीरे इस खेल में आगे बढ़ रहा है।
  • अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में डॉलर कमजोर हुआ, तो चीन सोने के दम पर एक नई आर्थिक व्यवस्था बना सकता है।
  • चीन की चाल धीरे-धीरे चल रही है, लेकिन उसका मकसद एकदम साफ है—अमेरिका को आर्थिक रूप से चुनौती देना और वैश्विक आर्थिक शक्ति बनना।
China’s Gold Reserve: चीन की सोने की भूख कब रुकेगी?

चीन सोने की भारी खरीदारी कर रहा है क्योंकि वह अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और मजबूत करना चाहता है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता और सोने की बढ़ती कीमतों के कारण चीन इसे सबसे सुरक्षित निवेश मान रहा है।

अब सवाल यह है कि क्या चीन की यह रणनीति उसे दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बना देगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि चीन की सोने की भूख फिलहाल खत्म नहीं होने वाली!


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