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Massive Quake in Russia: रूस में भीषण भूकंप, 7.4 तीव्रता, सुनामी का डर, जानें पूरा असर

Massive Quake in Russia: रूस में भीषण भूकंप, 7.4 तीव्रता, सुनामी का डर, जानें पूरा असर

Massive Quake in Russia: रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप में 13 सितंबर 2025 को सुबह तड़के एक शक्तिशाली भूकंप ने सबको हिलाकर रख दिया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.4 मापी गई। इसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की शहर से 111.7 किलोमीटर पूर्व में था और गहराई 39.5 किलोमीटर थी। भूकंप के बाद प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने तटीय इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की।

यह भूकंप उस 8.8 तीव्रता वाले भूकंप का आफ्टरशॉक माना जा रहा है, जो 29 जुलाई 2025 को इसी इलाके में आया था। वह भूकंप आधुनिक इतिहास में छठा सबसे शक्तिशाली भूकंप था। नए भूकंप ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी, क्योंकि कामचटका प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जहां भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियां आम हैं। इस इलाके में प्रशांत प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकती है, जिससे भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।

क्या हुआ भूकंप का असर?

USGS के मुताबिक, 7.4 तीव्रता का भूकंप इमारतों को गिराने और भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है। हालांकि, कामचटका की कम आबादी के कारण तत्काल कोई बड़ा नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई। पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की, जहां करीब 1.8 लाख लोग रहते हैं, वहां लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। कुछ इमारतों में मामूली दरारें देखी गईं। रूसी आपातकालीन मंत्रालय ने तुरंत बचाव दल भेजे और सुनामी के खतरे को देखते हुए तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी।

जापान की मौसम एजेंसी ने अपने तटों के लिए सुनामी चेतावनी जारी नहीं की, लेकिन रूस के तटीय इलाकों में छोटी सुनामी लहरों की आशंका जताई गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि सुनामी की लहरें 18 सेंटीमीटर तक हो सकती हैं। यह भूकंप 29 जुलाई के भूकंप के बाद की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें कई छोटे-बड़े आफ्टरशॉक आ चुके हैं।

रिंग ऑफ फायर की भूमिका

कामचटका प्रायद्वीप प्रशांत रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जो दुनिया का सबसे भूकंप संवेदनशील क्षेत्र है। यहां टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने से बार-बार भूकंप आते हैं। जुलाई में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने भी सुनामी की चेतावनी दी थी, जिसके बाद सात ज्वालामुखी फटने की खबर आई थी। इस बार भूकंप की गहराई अधिक होने से सुनामी का खतरा कम बताया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में छोटे आफ्टरशॉक आ सकते हैं।

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