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Development of Semiconductor Industry: भारत और अमेरिका के बीच हुआ ऐतिहासिक खनिज समझौता, सेमीकंडक्टर उद्योग में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

Development of Semiconductor Industry: भारत और अमेरिका के बीच हुआ ऐतिहासिक खनिज समझौता, सेमीकंडक्टर उद्योग में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
Development of Semiconductor Industry: भारत और अमेरिका के बीच 2024 में हुआ यह समझौता, सेमीकंडक्टर उद्योग और खनिज संसाधनों को लेकर कई महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करता है। महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) जैसे संसाधनों की आपूर्ति में सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर रखने का मुख्य उद्देश्य है। इसके तहत दोनों देश सेमीकंडक्टर उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए नए अवसर

भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने इस समझौते के तहत बताया कि सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत और अमेरिका का सहयोग पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गया है। इस समझौते से महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जो सेमीकंडक्टर निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

इसके साथ ही भारत के खनिज मंत्रालय और अमेरिका के बीच नए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए नई संभावनाओं का रास्ता खोलेंगे। दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने और इसे स्थिर बनाने के लिए अपने सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया है। इस प्रक्रिया में सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास (Development of Semiconductor Industry) भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की ओर इशारा करता है।

द्विपक्षीय संबंधों में नए आयाम

इस समझौते ने भारत और अमेरिका के बीच सहयोग के नए अवसर खोले हैं। दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को विस्तृत किया है, खासतौर पर खनिज संसाधनों और सेमीकंडक्टर की आपूर्ति श्रृंखला पर। इसके अलावा, भारत और अमेरिका ने अन्य देशों से संयुक्त उद्यमों और निवेश को आकर्षित करने पर भी चर्चा की है।

इस वार्ता के दौरान, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग पर बातचीत हुई। भारत और अमेरिका अपने द्विपक्षीय संबंधों को और व्यापक बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें तकनीकी विकास और सततता को प्राथमिकता दी गई है।

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