डायबिटीज, जिसे आम भाषा में शुगर कहा जाता है, अब सिर्फ उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं रही। आजकल 35 साल की उम्र में ही कई युवा इस गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं। युवाओं में डायबिटीज (Diabetes in Youngsters) का बढ़ना न केवल स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और इसे कैसे रोका जा सकता है।
युवाओं में डायबिटीज के बढ़ने के कारण
डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल के अनुसार, डायबिटीज होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख कारण अनियमित जीवनशैली, अस्वस्थ खान-पान, और शारीरिक गतिविधियों की कमी है।
1. शिथिल जीवनशैली:
आज के युवा अधिकतर समय मोबाइल, लैपटॉप या टीवी के सामने बिताते हैं। शारीरिक गतिविधियों में कमी ने उनके शरीर को सुस्त बना दिया है। दफ्तर में लंबे समय तक बैठे रहना, बाहर खेल-कूद न करना, और घर पर आरामदायक जीवनशैली के चलते शारीरिक फिटनेस में गिरावट आई है।
2. अनहेल्दी खान-पान:
फास्ट फूड और जंक फूड युवाओं की पहली पसंद बन चुके हैं। इनमें फाइबर की कमी और कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है, जिससे शरीर में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा, घर के खाने की जगह पैकेटबंद और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन समस्या को और गंभीर बना रहा है।
3. पारिवारिक इतिहास:
अगर परिवार में माता-पिता या दादा-दादी को डायबिटीज रही है, तो युवाओं में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में, अनियमित जीवनशैली इस खतरे को और बढ़ा देती है।
डायबिटीज का पता कैसे लगाएं?
डायबिटीज को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बेहद हल्के या अदृश्य होते हैं। डायबिटीज के कारण और उपाय (Causes and Prevention of Diabetes) को समझने के लिए समय-समय पर शुगर की जांच कराना बेहद जरूरी है।
1. लक्षण:
बार-बार पेशाब आना, बहुत अधिक प्यास लगना, थकान महसूस करना, वजन का तेजी से घटना या बढ़ना, और घाव का देर से भरना इसके सामान्य लक्षण हैं।
2. प्री-डायबेटिक स्टेज:
यह डायबिटीज से पहले की स्थिति होती है, जिसमें ब्लड शुगर का स्तर थोड़ा बढ़ा होता है, लेकिन स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते। 20-22 साल की उम्र के बाद हर साल ब्लड शुगर की जांच करवाने से इसे शुरुआती चरण में पकड़ा जा सकता है।
डायबिटीज से बचाव के उपाय
डॉ. पारस अग्रवाल का कहना है कि डायबिटीज से बचने का सबसे अच्छा तरीका है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।
1. नियमित व्यायाम करें:
- रोजाना कम से कम 30-40 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें।
- रनिंग, साइक्लिंग, जॉगिंग, और स्वीमिंग जैसी गतिविधियां बेहद फायदेमंद हैं।
- दफ्तर में हर घंटे 4-5 मिनट चलने की आदत डालें।
2. संतुलित आहार लें:
- साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, और ताजे फल को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
- फास्ट फूड और जंक फूड से बचें।
- ड्राई फ्रूट्स, बादाम, और सीड्स को अपने स्नैक्स में शामिल करें।
3. बुरी आदतों से बचें:
- सिगरेट, शराब, और ड्रग्स से पूरी तरह दूर रहें।
- पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचने की कोशिश करें।