अपने सीनियर और तीन अन्य यात्रियों की हत्या के आरोपी बर्खास्त RPF सिपाही चेतन सिंह ने अकोला जेल से मुंबई जेल में ट्रांसफर की मांग की है। मामले की सुनवाई में देरी के चलते सिंह ने यह याचिका दायर की है।
आरपीएफ के जवानों द्वारा साथी कर्मचारियों या यात्रियों पर हमले के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। सुरक्षा बलों में तनाव और काम के दबाव का असर कई बार ऐसी घटनाओं के रूप में देखा जाता है। रेलवे सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उठाने वाले जवानों की मानसिक स्थिति पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।
पिछले साल जयपुर-मुंबई ट्रेन में अपने सीनियर और तीन अन्य यात्रियों की हत्या के आरोपी बर्खास्त RPF सिपाही चेतन सिंह ने सेशंस कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में सिंह ने अकोला सेंट्रल जेल से मुंबई सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किए जाने की मांग की है। कोर्ट ने मुंबई और तलोजा जेलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है ताकि यह तय किया जा सके कि क्या सिंह को इनमें से किसी जेल में रखा जा सकता है। यह कदम मामले की सुनवाई में तेज़ी लाने के लिए उठाया गया है। सिंह के वकील ने यह भी कहा है कि वह इस मामले में एक डिस्चार्ज अर्ज़ी दायर करना चाहते हैं।
सिंह पर अपनी सर्विस राइफल से सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा और तीन मुस्लिम यात्रियों असगर अली अब्बास शेख, अब्दुल कादिर भानपुरवाला और सैयद सैफुद्दीन की हत्या के आरोप हैं। सिंह ने अपनी अर्ज़ी में कहा है कि सुरक्षा के आधार पर, पहले उन्हें ठाणे सेंट्रल जेल में रखा गया था, लेकिन अचानक बिना किसी सूचना के उन्हें अकोला सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। सिंह का तर्क है कि तलोजा या मुंबई सेंट्रल जेल (आर्थर रोड जेल) कोर्ट के अधिक पास हैं और सुरक्षा के लिहाज़ से बेहतर विकल्प थे।
सिंह के वकील ने आगे बताया कि मुंबई के कोर्ट में बार-बार पेश न हो पाने के चलते उनका ट्रायल प्रभावित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गंभीर आरोपों का सामना कर रहे सिंह के लिए निष्पक्ष सुनवाई के लिए यह ज़रूरी है कि उनकी अपने वकील से नियमित रूप से मुलाकात हो सके।
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कोर्ट ने अकोला सेंट्रल जेल के अधीक्षक को सिंह को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, मुंबई की जेलों से भी रिपोर्ट मांगी गई है। मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी।