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डॉक्टरों की लापरवाही का खुलासा! आधे से ज्यादा मरीजों को गलत दवाइयां?

डॉक्टरों की लापरवाही का खुलासा! आधे से ज्यादा मरीजों को गलत दवाइयां?

एक नए अध्ययन से चौंका देने वाला सच सामने आया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक, अस्पतालों में लिखी जाने वाली लगभग आधी दवा पर्चियों में बड़ी गलतियां हैं। इसका मतलब यह है कि बड़ी संख्या में मरीज गलत सलाह या अधूरी जानकारी के साथ दवाइयां ले रहे हैं, जिसके खतरनाक नतीजे हो सकते हैं।

दवाइयां हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी होती हैं। अस्पताल जाते समय हम पूरी तरह डॉक्टरों पर भरोसा करते हैं कि वह जो दवा लिख रहे हैं, उससे हमारा भला ही होगा। लेकिन ICMR के इस चौंकाने वाले अध्ययन से पता चलता है कि दवाइयों की सलाह में कई जगह लापरवाही बरती जा रही है।

अध्ययन में 13 अलग-अलग अस्पतालों से करीब 5000 मरीजों की दवा पर्चियों की जांच की गई। नतीजे वाकई डराने वाले हैं। लगभग आधी पर्चियों में या तो दवाइयों का डोज़ नहीं लिखा था, या उन्हें कब तक लेना है यह नहीं बताया गया था।

इससे भी खतरनाक बात यह है कि कई पर्चियों में गलत दवाइयों के नाम थे, जिससे कुछ मरीजों को नुकसान हुआ और उनकी जेब पर भी असर पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ डॉक्टर बिना जरूरत के मरीजों को ऐसी दवाइयां लिख देते हैं, जिससे उनकी सेहत पर असर हो सकता है।

दवाइयों को लेकर इस तरह की लापरवाही हमारे स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े करती है। एक तरफ सरकार लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की बात करती है, तो वहीं अस्पतालों में इस तरह की गलतियां होना चिंता की बात है। डॉक्टरों को दवाइयां लिखते समय ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि छोटी सी लापरवाही किसी मरीज की जान को भी जोखिम में डाल सकती है।

सफदरजंग अस्पताल के एक डॉक्टर का कहना है कि कई बार अस्पतालों में मरीजों की भीड़ की वजह से जल्दबाजी में इस तरह की गलतियां हो जाती हैं। हालांकि, यह कोई बहाना नहीं हो सकता। इसके साथ ही यह भी देखने में आया है कि कुछ डॉक्टर दवा कंपनियों के दबाव में आकर उनके प्रोडक्ट्स मरीजों को लिख देते हैं, जो एक गंभीर मुद्दा है।

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