महाराष्ट्र

गर्भपात के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा कोर्ट, नए नियम बनाएगी महाराष्ट्र सरकार

गर्भपात के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा कोर्ट, नए नियम बनाएगी महाराष्ट्र सरकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को एक बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि 24 हफ्तों से ज्यादा समय के गर्भपात के मामलों में अब महिलाओं को कोर्ट की शरण नहीं लेनी पड़ेगी। इसके लिए सरकार नया नियम बनाएगी ताकि सब कुछ आसानी से और सही तरीके से हो सके।

आपको बता दें कि भारत में पहले गर्भपात के लिए कुछ नियम थे, जो थोड़े सख्त थे। कई बार डॉक्टर भी 24 हफ्तों के बाद गर्भपात करने से मना कर देते थे, फिर महिलाओं को कोर्ट जाना पड़ता था। लेकिन अब नियमों में बदलाव किया गया है। सरकार हर जगह एक मेडिकल बोर्ड बनाएगी जिसके पास 24 हफ्तों के बाद भी गर्भपात करवाने की मंजूरी देने का अधिकार होगा।

यह सारा मामला तब सामने आया जब एक महिला ने कोर्ट में अर्जी लगाई। यह महिला 32 हफ्तों से गर्भवती थी और डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को कोई गंभीर बीमारी है। कोर्ट ने ना सिर्फ इस मामले में महिला की मदद की, बल्कि पूरे राज्य के लिए नए नियम बनाने का आदेश भी दे दिया। कोर्ट ने कहा है कि महिलाओं के शरीर पर उनका ही हक होना चाहिए, खासकर ऐसी परिस्थिति में।

कोर्ट के इस फैसले से महिलाओं को काफी राहत मिलेगी। पहले कई केस ऐसे होते थे जिसमें महिला को खुद कोर्ट जाना होता था, जो एक लंबी और मुश्किल प्रक्रिया होती थी। अब डॉक्टरों का एक बोर्ड फैसला करेगा जिससे चीज़ें आसान हो जाएंगी। हालांकि, कई लोग अब भी गर्भपात के खिलाफ हैं, लेकिन कोर्ट का यह फैसला महिलाओं के अधिकारों के लिहाज से बहुत अहम है।

महाराष्ट्र की सरकार को अब 2 महीने के अंदर इस नियम के लिए पूरी कार्यप्रणाली, यानी SOP तैयार करनी होगी।  इस SOP को सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज को भेजा जाएगा, ताकि इस नए नियम को सही तरीके से लागू किया जा सके।

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