Donkey Route to USA: हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले 26 साल के रवि का अमेरिका जाने का सपना बिखर गया। वह सोच रहा था कि एक बार अमेरिका पहुंच जाएगा, तो उसकी ज़िंदगी बदल जाएगी। परिवार की हालत सुधर जाएगी, मां-बाप को बेहतर जिंदगी मिलेगी। लेकिन ये सपना डंकी रूट की हकीकत से टकराकर चकनाचूर हो गया। रवि के पिता ने खेत बेचकर 35 लाख रुपये जुटाए और एजेंट को दिए, जिसने वादा किया था कि वह उसे कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचा देगा। मगर हकीकत कुछ और ही निकली।
एजेंट ने पहले तो रवि को दुबई भेजा, जहां वह कई महीनों तक फंसा रहा। इसके बाद उसे पनामा के खतरनाक जंगलों से गुजरना पड़ा, जहां उसे कई दिनों तक भूखा रहना पड़ा और बंधक भी बना लिया गया। अमेरिका पहुंचने से पहले उसने 10 देशों की यात्रा की, कई बार जान के खतरे से गुजरा और कई महीनों तक जंगलों में संघर्ष करता रहा।
आखिरकार, रवि किसी तरह 20 दिन पहले अमेरिकी सीमा पार करने में कामयाब हो गया। वह यह सोचकर राहत महसूस कर रहा था कि अब उसका संघर्ष खत्म हुआ और नया जीवन शुरू होने वाला है। लेकिन अमेरिकी पुलिस ने उसे पकड़ लिया और निर्वासित (डिपोर्ट) करने का फैसला कर लिया। रवि की तरह सैकड़ों भारतीय युवा हर साल डंकी रूट के जरिए अमेरिका जाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इनमें से कई को गिरफ्तार कर वापस भेज दिया जाता है, या फिर वे इस खतरनाक सफर में अपनी जान गंवा देते हैं।
रवि के भाई अमित ने बताया कि एजेंट ने 29 लाख रुपये एडवांस लिए थे और कहा था कि रवि को कानूनी तरीके से अमेरिका भेजेगा। बाद में एजेंट ने 6 लाख रुपये और मांगे। परिवार के पास पैसे नहीं थे, इसलिए रवि के पिता ने अपना खेत बेच दिया और कुछ पैसे उधार लेकर एजेंट को दिए। इसके बाद रवि को एक के बाद एक अलग-अलग देशों में भेजा गया, जहां उसे बेहद खराब परिस्थितियों में रहना पड़ा।
रवि जब पनामा के घने जंगलों में पहुंचा, तो वहां उसका कई दिनों तक कोई संपर्क नहीं हुआ। जंगल के इस खतरनाक सफर में उसे भूखा रहना पड़ा, बंधक बना लिया गया और जान बचाने के लिए कई जोखिम उठाने पड़े। वहां से किसी तरह बचकर निकलने के बाद, वह मैक्सिको की सीमा पर पहुंचा और वहां से अमेरिका में घुसने की कोशिश की। मगर अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया और उसे डिपोर्ट करने का आदेश दे दिया।
Donkey Route to USA: डंकी रूट क्या है और यह कितना खतरनाक है?
डंकी रूट अवैध तरीके से अमेरिका या यूरोप जाने का एक खतरनाक तरीका है, जिसमें लोग कई देशों की यात्रा करते हुए चोरी-छिपे अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते हैं। यह रास्ता बेहद जोखिम भरा होता है, क्योंकि इसमें लोगों को जंगलों, रेगिस्तानों और खतरनाक समुद्री रास्तों से गुजरना पड़ता है।
इस रूट में लोगों को पहले दुबई, तुर्की या ब्राजील भेजा जाता है। वहां से कोलंबिया, पनामा, होंडुरास और मैक्सिको के रास्ते अमेरिका की सीमा पार करने की कोशिश की जाती है। कई बार यात्री मानव तस्करों के चंगुल में फंस जाते हैं। कुछ लोग डकैती, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाओं के शिकार हो जाते हैं, तो कुछ जंगलों में रास्ता भटककर या रेगिस्तान में भूख-प्यास से दम तोड़ देते हैं।
रवि के परिवार को उम्मीद थी कि अमेरिका जाकर वह अच्छी नौकरी करेगा और घर पैसे भेजेगा। लेकिन अमेरिका में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अब उसे वापस भारत भेजा जा रहा है। उसके भाई अमित का कहना है कि रवि की इस हालत के लिए ट्रैवल एजेंट जिम्मेदार हैं। उसने तीन एजेंटों – दीपक मलिक, रजत मोर और मनीष पंडित पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके परिवार को धोखा दिया और झूठे वादे करके रवि को खतरनाक रास्ते पर भेज दिया।
पुलिस का कहना है कि अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत नहीं आई है। पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर शिकायत दर्ज होती है, तो आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्यों भारतीय युवा डंकी रूट का खतरा उठाने को मजबूर हैं?
हर साल हजारों भारतीय युवा अमेरिका, कनाडा और यूरोप जाने के लिए इस तरह के अवैध रास्तों का सहारा लेते हैं। इसकी वजहें कई हो सकती हैं।
पहली और सबसे बड़ी वजह बेहतर जीवन और नौकरी की तलाश है। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में अच्छे वेतन और बेहतर जीवनशैली की उम्मीद में युवा किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं। भारत में बेरोजगारी, कमजोर आर्थिक हालात और सीमित अवसर भी उन्हें विदेश जाने के लिए मजबूर करते हैं।
दूसरी वजह है कानूनी वीज़ा प्रक्रिया का जटिल और महंगा होना। अमेरिका और यूरोप में जाने के लिए वीज़ा पाना अब और मुश्किल हो गया है। बहुत से लोग स्टडी वीज़ा, वर्क वीज़ा या ग्रीन कार्ड का इंतजार नहीं कर सकते, इसलिए डंकी रूट को अपनाने लगते हैं।
तीसरी वजह है एजेंटों का धोखा। ट्रैवल एजेंट अक्सर लोगों को झूठे सपने दिखाते हैं और दावा करते हैं कि वे आसानी से अमेरिका पहुंचा देंगे। लेकिन जब लोग एक बार उनके जाल में फंस जाते हैं, तो वे उन्हें अवैध और खतरनाक रास्तों से भेज देते हैं।
क्या सरकार डंकी रूट रोकने के लिए कुछ कर सकती है?
रवि की कहानी कोई नई नहीं है। हर साल सैकड़ों भारतीय इसी तरह ठगे जाते हैं, अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने की कोशिश में फंस जाते हैं या फिर अपनी जान गंवा देते हैं। यह सवाल उठता है कि सरकार इस तरह की अवैध आप्रवासन रोकने के लिए क्या कर रही है?
अगर भारत सरकार और पुलिस एजेंटों पर सख्त कार्रवाई करे और लोगों को वैध तरीकों से विदेश जाने के लिए प्रेरित करे, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। इसके अलावा, युवाओं को यह समझना होगा कि अमेरिका या यूरोप में बसने का यह अवैध तरीका बेहद खतरनाक है और इसमें जान का भी खतरा है।
रवि की कहानी उन हजारों युवाओं के लिए सबक होनी चाहिए, जो अवैध तरीके से अमेरिका जाने का सपना देखते हैं। डंकी रूट का खतरनाक सच यही है – बहुत कम लोग मंजिल तक पहुंचते हैं, लेकिन ज्यादातर रास्ते में ही सब कुछ खो बैठते हैं।
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