अरे भाई, ध्यान से! आप जो पैकेट वाला खाना खरीदते हैं, उसके ऊपर लिखी बातें सच नहीं भी हो सकती हैं। ये हम नहीं कह रहें, बल्कि ये कहना है ICMR की चेतावनी है। मतलब ये कि आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ हो सकता है।
ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि पैकेट बंद खाने पर जो लेबल लगे होते हैं, उनकी बातों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई बार ये लेबल सही जानकारी नहीं देते और आपको गुमराह कर सकते हैं।
शुगर-फ्री का मतलब हेल्दी नहीं: कई बार पैकेट पर लिखा होता है ‘शुगर-फ्री’, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो खाना आपके लिए अच्छा है। असल में उसमें चीनी की जगह और भी ज्यादा फैट यानी चिकनाई हो सकती है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है।
फ्रूट जूस भी निकला फर्जी: आपको लगता होगा कि फलों का जूस पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। लेकिन पैकेट बंद फ्रूट जूस में असली फलों का रस बहुत कम होता है। कई बार तो सिर्फ 10% ही असली फल होता है, बाकी चीनी और पानी होता है।
लेबल पर लिखी बातों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें: ICMR ने कहा है कि हमें पैकेट पर लिखी बातों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। कई बार कंपनियां अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए झूठे दावे करती हैं। इसलिए लेबल पर लिखी हर बात पर यकीन करने से पहले सोच-समझ लेना जरूरी है।
ICMR की ये चेतावनी हमारे लिए एक अलार्म की तरह है। हमें अपनी सेहत के प्रति जागरूक होना चाहिए और पैकेट बंद खाने की चीजों के बारे में सही जानकारी हासिल करनी चाहिए। हमें अपने खाने में असली और ताज़ा चीजों को शामिल करना चाहिए, जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
ICMR के अलावा, सरकार के दूसरे विभाग भी इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं। हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा था कि वे ‘बोर्नविटा’ जैसे प्रोडक्ट्स को ‘हेल्थ ड्रिंक’ की श्रेणी से हटा दें।
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