दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आया है। प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ED की जांच (ED Investigation) में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर धन का दुरुपयोग शामिल है। यह मामला 2016 से 2021 के बीच का है, जब अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे।
दंगा पीड़ितों की मदद का झांसा ED की जांच (ED Investigation) में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी के मुताबिक, विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की अनुमति के बिना ही एक राहत समिति बना दी। इस समिति का नाम था दिल्ली वक्फ बोर्ड राहत समिति। इस समिति के नाम पर एक बैंक खाता खोला गया। फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों के पीड़ितों की मदद के नाम पर इस खाते में पैसे जमा किए गए। लेकिन जांच में पता चला कि इस खाते से निकाले गए पैसों का एक बड़ा हिस्सा विधायक को दिया गया।
बेनामी संपत्ति का जाल जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। विधायक अमानतुल्लाह खान ने साल 2020 में अपनी दूसरी पत्नी मरयम सिद्दीकी के नाम पर एक प्रॉपर्टी खरीदी। इस प्रॉपर्टी की खरीद में कुछ पैसे नकद दिए गए और कुछ पैसे उनके करीबी साथी जीशान हैदर से लिए गए। ED ने अपनी जांच में पाया कि मरयम सिद्दीकी की कोई आय का स्रोत नहीं है और न ही उन्होंने कभी आयकर रिटर्न भरा है। विधायक ने अपने चुनावी हलफनामे में भी इस बात का जिक्र नहीं किया था कि मरयम उनकी दूसरी पत्नी हैं और उन पर पूरी तरह से आश्रित हैं।
करोड़ों का घोटाला दंगा पीड़ितों का पैसा हड़पने का आरोप (Allegations of Misappropriating Riot Victims’ Funds) का मामला और भी गंभीर हो गया है। ED ने एक हैंडरिटन डायरी जब्त की है। इस डायरी से पता चला है कि ओखला इलाके में टीटीआई तिकोना पार्क की एक प्रॉपर्टी खरीदने के लिए 27 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया गया। यह प्रॉपर्टी जावेद इमाम सिद्दीकी की थी। विधायक के करीबी कौसर इमाम सिद्दीकी के जरिए यह पैसा दिया गया। जांच में यह भी पता चला है कि जावेद इमाम सिद्दीकी और उनकी पत्नी के बैंक खातों में बड़ी रकम जमा की गई है।
जांच का दायरा इस पूरे मामले में ED ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें विधायक अमानतुल्लाह खान, जीशान हैदर, दाउद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जावेद इमाम सिद्दीकी शामिल हैं। ये सभी अभी जेल में हैं। ED ने विशेष पीएमएलए कोर्ट में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। ED दो प्राथमिकियों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
बैंक खातों की जांच ED अब जावेद इमाम सिद्दीकी और उनकी पत्नी के बैंक खातों की गहन जांच कर रही है। इन खातों में बड़ी रकम जमा होने के सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि इन खातों का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए किया गया। साथ ही, दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर खोले गए खाते से निकाले गए पैसों का पूरा हिसाब भी खंगाला जा रहा है।