महाराष्ट्र

एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान, “मुझे हल्के में ना लें… मुझसे कितना जलोगे, एक दिन जलकर खाक हो जाओगे”

एकनाथ शिंदे
Image Source - Web

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर अपने तीखे बयान से राजनीतिक हलचल मचा दी है। बिना किसी का नाम लिए, शिंदे ने 2022 में सरकार बदलने की घटना का जिक्र करते हुए विरोधियों पर निशाना साधा। साथ ही, शरद पवार द्वारा ‘महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव’ पुरस्कार दिए जाने पर उठे विवाद का भी करारा जवाब दिया।

‘जब मुझे हल्के में लिया गया तो…’ – एकनाथ शिंदे का बयान
एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैं एक सामान्य कार्यकर्ता हूं, लेकिन मुझे बालासाहेब और दिघे साहेब के कार्यकर्ता के रूप में देखा जाना चाहिए। जब मुझे हल्के में लिया गया, तो मैंने 2022 में तख्तापलट कर दिया और सरकार बदल दी। हमने एक ऐसी सरकार बनाई, जो आम लोगों के मन की थी। महाराष्ट्र में जनता डबल इंजन सरकार चाहती थी और हमने वही किया।”

शिंदे के इस बयान से साफ है कि वे अपने फैसले को जनता की इच्छा के अनुरूप ठहराते हैं और विरोधियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्हें कमजोर समझना एक बड़ी भूल होगी।

“मुझे हल्के में मत लेना” – विरोधियों पर तीखा वार
डिप्टी सीएम ने आगे कहा, “मैंने विधानसभा में कहा था कि मैं और देवेंद्र फडणवीस 200 से ज्यादा सीटें जीतेंगे, और हमने 232 सीटें हासिल कीं। इसलिए मुझे हल्के में मत लेना। जो समझना चाहते हैं, वे समझ लें। मैं अपना काम करता रहूंगा, चाहे जितने भी आरोप लगाए जाएं।”

शिंदे ने अपने राजनीतिक विरोधियों को स्पष्ट संकेत दिया कि वे किसी भी साजिश या आरोप से घबराने वाले नहीं हैं।

‘शरद पवार का भी अपमान किया गया’
एकनाथ शिंदे ने ‘महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार’ मिलने पर उठे विवाद को लेकर भी कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “शरद पवार साहब ने मुझे यह पुरस्कार दिया। एक मराठी व्यक्ति ने दूसरे मराठी को यह सम्मान दिया, लेकिन इस पर भी कुछ लोगों को जलन हो रही है। महादजी शिंदे एक महान योद्धा थे और उनके नाम से मुझे सम्मान दिया गया, लेकिन इस पर भी विवाद खड़ा कर दिया गया। आखिर कितने जलोगे? एक दिन जलकर खाक हो जाओगे!”

शिंदे ने यहां पर यह भी कहा कि शरद पवार का भी अपमान किया गया, जो कभी उनके आलोचकों के लिए मुख्यमंत्री पद तक लेकर आए थे।

‘महादजी शिंदे के वंशजों का भी अपमान हुआ’
डिप्टी सीएम ने आरोप लगाया कि सिर्फ उनका ही नहीं, बल्कि महादजी शिंदे के वंशजों और साहित्यिक जगत के लोगों का भी अपमान किया गया। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने साहित्य से जुड़े लोगों को दलाल कहकर उनका भी अपमान किया। महादजी शिंदे के वंशजों का अपमान किया गया, यहां तक कि इसमें अमित शाह जी का भी नाम घसीटा गया। आखिर ये सब क्या हो रहा है? ये लोग सुधरेंगे या नहीं?”

शिंदे ने साफ कर दिया कि वे किसी भी तरह की आलोचना से प्रभावित नहीं होंगे और जनता के समर्थन को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं।

क्या है इस बयान के मायने?
एकनाथ शिंदे का ये बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा करता है। उन्होंने न केवल अपने फैसलों को सही ठहराने की कोशिश की, बल्कि ये भी स्पष्ट कर दिया कि वे विरोधियों की आलोचना से विचलित नहीं होंगे।

अब देखना ये होगा कि शिंदे के इस बयान पर विरोधी दलों की क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या यह बयान आगामी चुनावी समीकरणों पर कोई प्रभाव डालता है।

ये भी पढ़ें: इस शहर में अब बिल्लियों की भी होगी नसबंदी, जानें किस वजह से लिया गया ये फैसला

You may also like