महाराष्ट्रमुंबई

Truth of Maharashtra Election Results: EVM पर खुल गई पोल, महाराष्‍ट्र में एक-एक सीट पर हुई जांच, नतीजा देख राहुल गांधी-शरद पवार और उद्धव होंगे परेशान

Truth of Maharashtra Election Results: EVM पर खुल गई पोल, महाराष्‍ट्र में एक-एक सीट पर हुई जांच, नतीजा देख राहुल गांधी-शरद पवार और उद्धव होंगे परेशान

Truth of Maharashtra Election Results: महाराष्ट्र में हुए हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजे विपक्ष और जनता के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को भारी जीत मिलने के बाद विपक्ष ने ईवीएम और वीवीपैट मिलान (EVM and VVPAT Match) की मांग करते हुए चुनाव परिणामों पर सवाल उठाए थे। मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय ने 1440 वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम के साथ किया, जिसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई।

ईवीएम और वीवीपैट का मिलान क्यों था जरूरी?

चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का उपयोग किया गया। वीवीपैट वह प्रणाली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि मतदाता का वोट सही तरीके से दर्ज हो रहा है। ईवीएम पर बटन दबाने के बाद वीवीपैट से एक पर्ची निकलती है, जिससे मतदाता पुष्टि कर सकते हैं कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है।

विपक्षी दलों, खासकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने चुनावों के परिणामों पर संदेह व्यक्त करते हुए वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती की मांग की थी। नांदेड़ जिले में 75 वीवीपैट मशीनों के मिलान के दौरान भी यह स्पष्ट हो गया कि वीवीपैट और ईवीएम के नतीजों में कोई अंतर नहीं था।

महाराष्ट्र चुनाव नतीजों की सच्चाई

महाराष्ट्र चुनाव नतीजों की सच्चाई (Truth of Maharashtra Election Results) की पुष्टि करते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर वीवीपैट पर्चियों और ईवीएम वोटों में पूर्ण समानता पाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में यह स्पष्ट किया कि वीवीपैट और ईवीएम में विसंगतियों के आरोप बेबुनियाद हैं।

भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति ने 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की, जिसने विपक्षी दलों को बैकफुट पर धकेल दिया। इस बीच, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग तेज कर दी। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि जनता के बीच बढ़ती बैलट पेपर वोटिंग की मांग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

विपक्षी दलों की स्थिति

चुनाव नतीजों के बाद महा विकास अघाड़ी के नेता, जैसे राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे, ने इसे जनादेश के खिलाफ बताया। हालांकि, चुनाव आयोग की इस रिपोर्ट ने उनके आरोपों को कमजोर कर दिया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी वीवीपैट पर्ची और ईवीएम वोट में अंतर नहीं पाया गया।

जनता के लिए संदेश

यह पूरी प्रक्रिया भारतीय लोकतंत्र में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को और मजबूत करती है। विपक्ष की मांगों को जांचने और सही साबित करने के लिए किए गए इस मिलान से यह साफ हो गया है कि ईवीएम और वीवीपैट की प्रणाली सही है।

चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवालों का यह समाधान जनता के बीच भरोसा बहाल करने में मदद करेगा। इससे न केवल चुनाव आयोग की पारदर्शिता साबित होती है, बल्कि यह भी दिखता है कि आधुनिक तकनीक हमारे लोकतंत्र को अधिक सशक्त बना रही है।

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