विदेशी निवेशक (FPI) भारत को छोड़ रहे? अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। सिर्फ इस महीने में ही उन्होंने ₹6,300 करोड़ निकाले हैं। आपको बता दें कि अभी कुछ महीने पहले तक वे भारत में जमकर निवेश कर रहे थे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारत से इस तरह से मुंह मोड़ने के पीछे कुछ बड़े कारण हैं। अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड (यानी उनपर मिलने वाला रिटर्न) बढ़ने लगा है, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए अमेरिका का बाजार फिर से आकर्षक दिखने लगा है। साथ ही, भारत ने मॉरीशस के साथ टैक्स से जुड़ी संधि में कुछ बदलाव किए हैं, जो कई निवेशकों को पसंद नहीं आ रहे।
क्यों अमेरिका की तरफ भाग रहे हैं निवेशक?
अभी अमेरिकी बॉन्ड यील्ड करीब 4.7% के आस-पास हैं। सरल शब्दों में, अगर निवेशक अमेरिका में पैसा लगाएंगे तो उन्हें भारत की तुलना में वहां ज्यादा रिटर्न मिलेगा। इसलिए, वे अपना पैसा अमेरिका में लगा रहे हैं और भारत से निकाल रहे हैं।
भारतीय बाजार में पैसे लगाने से डर क्यों लग रहा है?
दरअसल, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ रही है। ऐसे में उभरते हुए बाजारों (जिनमें भारत भी शामिल है) को लेकर निवेशक सावधान हो गए हैं। इन बाजारों को ज्यादा जोखिमभरा माना जा रहा है।
इतना सब कुछ होने पर भी भारतीय बाजार पूरी तरह से नहीं गिरा है। दरअसल, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) और खुदरा निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं जिससे बाजार को मदद मिल रही है।
मार्च में FPI ने भारतीय बाजार में ₹35,098 करोड़ तथा फरवरी में ₹1,539 करोड़ का निवेश किया था। इस महीने FPI ने बांड मार्केट से भी ₹10,640 करोड़ की निकासी की है।