वो कहते हैं न ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोई’. ऐसी ही एक घटना सामने आई है गुजरात के सूरत से. हुआ यूं कि एक 14 वर्षीय लड़का समुद्र में डूब गया. शव की तलाश शुरू की गई. 36 घंटे बीत गए लड़के का शव नहीं मिला, फिर ऐसा कुदरती करिश्मा हुआ कि हर कोई अचंभित हो उठा. 36 घंटे की तलाश के बाद वह नवसारी में बीच समुद्र में मछुआरे को मिला, लेकिन सांसे चल रही थी. आप भी सोच रहे होंगे कि यह मुमकिन कैसे हुआ? तो हम आपको बता दें कि यह लड़का गणेश जी की प्रतिमा के फ्रेम के सहारे तैरता रहा जिस वजह से उसकी जान बच गई.
बता दें कि 14 वर्षीय लखन 29 सितंबर 2023 को अपने भाई करण, बहन अंजली और अपनी दादी के साथ अंबाजी मंदिर घूमने आया था. दर्शन के बाद बच्चे अपनी दादी से समुद्र तट पर जाने की जिद्द करने लगे. उनकी जिद मान कर दादी उन्हें डुमास तट पर घुमाने के लिए लेकर चली गई. दोनों भाई समुद्र की लहरों के साथ खेलने लगे. देखते ही देखते समुद्र की बड़ी लहर आई और दोनों को अपने साथ खींच कर ले गई. आस-पास के लोगों ने एक भाई को बचा लिया लेकिन लहर इतनी तेज थी कि उसने लखन को अपने साथ बहा लिया. चरों तरह शोक पसर गया. सबको लगा कि लखन समुद्र में डूब गया है, लोगों ने पुलिस और अग्निशमन विभाग को इस घटना की जानकारी दी. लखन के लिए तलाश अभियान शुरू किया गया, लेकिन समुद्र में हलचल के कारण उसका कोई पता नहीं चल पाया. परिवार ने लखन के मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन 1 अक्टूबर की शाम को लखन के पिता विकास देवीपूजक को नवसारी से एक फ़ोन आया. लखन का परिवार नवसारी पहुँच तो पाया कि वह जीवित है और पूरी तरह से स्वस्थ्य है. लखन को कोई चोट भी नहीं आई थी. पीएम मोदी ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को दी श्रद्धांजलि
लखन के समुद्र में बहने के पश्चात एक गणेश प्रतिमा के अवशेष उसके हाथों में आ गए। इसके सहारे वह समुद्रतल पर तैरता रहा। लखन बहते-बहते डुमास से गुजरात के नवसारी जिले की तरफ पहुंच गया था. नवसारी के एक मछुआरे रासिक टंडेल समुद्र में मछलियाँ पकड़ने गए हुए थे. इसी दौरान उन्होंने देखा कि कोई एक लकड़ी के सहारे तैर रहा है और सहयाता माँग रहा है.
14 વર્ષનો લખન દેવીપૂજક શુક્રવારે મિત્રો સાથે ડુમસનાં દરિયાનાં ન્હાતી વખતે તણાઇ ગયો હતો, દરિયામાં લખનનાં હાથમાં એક લાકડું આવી જતા એ લાકડાનાં સહારે દરિયામાં તરતો રહ્યો અને 24 કલાક બાદ ગણદેવીનાં ભાટગામનાં દરિયામાંથી સલામત રીતે મળી આવ્યો.
આજે લખનની હોસ્પિટલમાં મુલાકાત લીધી, એની… pic.twitter.com/FojjIixaoY
— C R Paatil (@CRPaatil) October 1, 2023
इसके पश्चात रासिक ने नाव लखन की तरफ मोड़ दी और रस्सी के सहारे उसे अपनी नाव में खींच लिया. बदहवास हालत में मिले लखन को रासिक ने खाना-पानी और चाय दी तथा उसके परिवार को सूचित किया. लखन से मिलने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल भी पहुंचे थे.