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घाटकोपर हादसा: पूर्व GRP प्रमुख ने तबादले के बाद बिना टेंडर मंजूरी दी, SIT का दावा

घाटकोपर हादसा
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घाटकोपर हादसा: मुंबई में 13 मई को घाटकोपर में हुए होर्डिंग हादसे ने 17 लोगों की जान ले ली। इस हादसे की जांच के लिए बनाई गई SIT ने बड़ा खुलासा किया है। SIT के एक अधिकारी के मुताबिक, पूर्व GRP कमिश्नर कैसर खालिद ने अपने तबादले के तीन दिन बाद ही इस होर्डिंग को मंजूरी दे दी थी। और तो और, उन्होंने बिना टेंडर निकाले ही ये मंजूरी दे डाली।

खालिद का ट्रांसफर ऑर्डर 16 दिसंबर 2022 को जारी हुआ था, लेकिन उन्होंने 19 दिसंबर को अपना आखिरी दिन काम किया और उसी दिन ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की अर्जी पर मोहर लगा दी।

क्या ये सही है?
आमतौर पर अधिकारी तबादले के बाद कुछ दिन नई पोस्टिंग पर जाने में लगाते हैं। इस दौरान उन्हें कोई बड़ा फैसला नहीं लेना चाहिए, खासकर पैसों से जुड़ा। लेकिन खालिद ने आखिरी दिन ऐसा फैसला ले लिया, जो सवालों के घेरे में है।

क्या ये अकेला मामला है?
नहीं, पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जहां इस जगह पर लगे तीन दूसरे होर्डिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया के बाद मंजूरी दी गई थी, वहीं गिरे हुए होर्डिंग के लिए ऐसा कुछ नहीं हुआ। ये नियमों का घोर उल्लंघन है। SIT अब GRP अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी और आगे की कार्रवाई का फैसला लेगी।

खालिद का क्या कहना है?
खालिद ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है।

अब क्या होगा?
SIT ने भारतीय रेलवे से भी पूछा है कि क्या जमीन उनकी है। क्योंकि आरोपी ने दावा किया था कि उसे GRP ने बताया था कि जमीन रेलवे की है, इसलिए BMC से मंजूरी की जरूरत नहीं। लेकिन रेलवे ने साफ कर दिया है कि जमीन उनकी नहीं है। यानी BMC से मंजूरी लेनी जरूरी थी, जो नहीं ली गई।

BMC की क्या भूमिका है?
2023 में BMC की एक टीम ने होर्डिंग साइट का निरीक्षण किया था और उसकी स्थिरता और आकार पर आपत्ति जताई थी। ईगो मीडिया को भी इस बारे में बताया गया था। लेकिन कंपनी ने कहा कि उन्हें GRP से मंजूरी है, तो BMC ने ये मुद्दा GRP के सामने उठाया। GRP ने जवाब दिया कि रेलवे की संपत्ति पर BMC कार्रवाई नहीं कर सकती। ये मामला हाई कोर्ट तक गया, जहां रेलवे के पक्ष में फैसला आया। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

SIT अब BMC अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है कि बिना उनकी मंजूरी के इतना बड़ा होर्डिंग कैसे लग गया। SIT ये भी पता लगाएगी कि जिस जमीन पर पेट्रोल पंप था, वो किसकी है।

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