देश-विदेश

Active COVID Cases: कोरोना की नई लहर – 24 घंटे में 5 मौतें, केरल और महाराष्ट्र सबसे प्रभावित

Active COVID Cases: कोरोना की नई लहर - 24 घंटे में 5 मौतें, केरल और महाराष्ट्र सबसे प्रभावित

Active COVID Cases: भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस (COVID-19) की चिंता बढ़ रही है। पिछले कुछ हफ्तों में, देश भर में कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी गई है, और यह खबर नई पीढ़ी के लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण है, जो इस महामारी के प्रभावों से पहले ही जूझ चुकी है। 11 जून 2025 तक, देश में सक्रिय कोविड-19 मामले (active COVID-19 cases) 6,815 तक पहुंच गए हैं, और बीते 24 घंटों में 300 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही, इस दौरान पांच लोगों की मौत भी दर्ज की गई है, जिससे इस साल की कुल मृत्यु संख्या 70 हो गई है। यह स्थिति न केवल सतर्कता की मांग करती है, बल्कि हमें यह समझने की जरूरत है कि यह वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है।

कोरोना वायरस की शुरुआत भारत में जनवरी 2020 में हुई थी, जब केरल में पहला मामला सामने आया था। तब से लेकर अब तक, भारत ने दो बड़ी लहरों का सामना किया है, खासकर 2021 में डेल्टा वैरिएंट ने भारी तबाही मचाई थी। लेकिन 2025 में, नए वैरिएंट्स जैसे एनबी.1.8.1 (NB.1.8.1) और एलएफ.7 (LF.7) के कारण मामले फिर से बढ़ रहे हैं। ये वैरिएंट्स ओमिक्रॉन परिवार से संबंधित हैं और इनकी संक्रामकता (transmissibility) पिछले कुछ वैरिएंट्स की तुलना में अधिक है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये मामले ज्यादातर हल्के (mild cases) हैं, और अधिकांश मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। फिर भी, सावधानी बरतना जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है।

केरल इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहां सक्रिय मामले 1,957 तक पहुंच गए हैं। महाराष्ट्र भी पीछे नहीं है, जहां 1,504 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से मुंबई और पुणे में सबसे ज्यादा मामले हैं। दिल्ली में 592 सक्रिय मामले हैं, और पश्चिम बंगाल में 747 मामले दर्ज किए गए हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि शहरी क्षेत्रों में वायरस का प्रसार तेजी से हो रहा है। उदाहरण के लिए, मुंबई के एक ऑफिस कर्मचारी, रोहन शर्मा, ने बताया कि उनके कार्यालय में हाल ही में दो लोग पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद सभी को मास्क पहनने और दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई। यह स्थिति दर्शाती है कि शहरी भीड़ और कम सावधानी वायरस के फैलने का कारण बन सकती है।

पिछले 24 घंटों में दर्ज की गई पांच मौतों में से दो कर्नाटक में, और एक-एक दिल्ली, केरल और झारखंड में हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इनमें से ज्यादातर मरीजों को पहले से ही गंभीर बीमारियां जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, या किडनी की समस्याएं थीं। एक दुखद मामला दिल्ली का है, जहां एक पांच महीने के शिशु की भी मौत हुई। यह खबर सुनकर नई दिल्ली की एक मां, प्रीति सिंह, ने बताया कि वह अब अपने बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बच रही हैं और नियमित रूप से मास्क का इस्तेमाल कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि इन मौतों का मुख्य कारण कोविड-19 के साथ अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं (co-morbidities) थीं, लेकिन यह सतर्क रहने की जरूरत को और मजबूत करता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में बताया कि फरवरी 2025 से वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की गतिविधि बढ़ रही है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। नए वैरिएंट्स एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने “वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग” (Variants Under Monitoring) के रूप में वर्गीकृत किया है। ये वैरिएंट्स ज्यादा संक्रामक तो हैं, लेकिन अभी तक इनसे गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई बड़ा उछाल नहीं देखा गया है। बेंगलुरु में टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (TIGS) ने अपशिष्ट जल निगरानी (wastewater surveillance) के जरिए पाया कि वायरल लोड में वृद्धि हो रही है, जो मामलों में वृद्धि का पहले से संकेत देता है।

भारत ने अपनी वैक्सीनेशन ड्राइव (vaccination drive) को 16 जनवरी 2021 से शुरू किया था, और अब तक 95% से अधिक वयस्कों को कम से कम दो खुराकें मिल चुकी हैं। हालांकि, 2024-2025 के लिए अपडेटेड बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या केवल 18% है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बूस्टर डोज (booster dose) लेना खासकर बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए जरूरी है। पुणे के एक रिटायर्ड शिक्षक, अनिल पाटिल, ने बताया कि उन्होंने हाल ही में बूस्टर डोज लिया, जिसके बाद उन्हें मानसिक शांति मिली। वह अब भीड़ वाली जगहों पर मास्क पहनते हैं और नियमित रूप से हाथ धोते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन सावधानी जरूर बरतें। खासकर, भीड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता बनाए रखना और हवादार जगहों में रहना महत्वपूर्ण है। अगर बुखार, खांसी, गले में खराश या स्वाद और गंध की कमी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत टेस्ट करवाना चाहिए। दिल्ली के एक डॉक्टर, विकास मौर्या, ने बताया कि उनके पास आने वाले ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण हैं, और वे एक हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। लेकिन समय पर टेस्ट और इलाज जरूरी है, ताकि स्थिति गंभीर न हो।

कोविड-19 के इस नए उछाल ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि यह वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। खासकर मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में, जहां आबादी घनी है, वहां सावधानी और जागरूकता और भी जरूरी है। सरकार ने सभी राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है। केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में स्वास्थ्य विभाग ने टेस्टिंग और निगरानी बढ़ा दी है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

#COVID19India #ActiveCases #NewVariants #HealthSafety #VaccinationDrive

ये भी पढ़ें: Bombay HC Seeks Reply on Women Toilets: महाराष्ट्र के राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर महिलाओं के लिए हर 25 किलोमीटर पर स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय- हाई कोर्ट का नोटिस

You may also like