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H1B Visa Fee: ट्रंप ने H-1B वीजा पर बढ़ाया शुल्क, लेकिन क्या सभी पर पड़ेगा इसका बोझ?

H1B Visa Fee: ट्रंप ने H-1B वीजा पर बढ़ाया शुल्क, लेकिन क्या सभी पर पड़ेगा इसका बोझ?

H1B Visa Fee: अमेरिका में पढ़ने-लिखने और नौकरी करने वाले भारतीयों के बीच शुक्रवार को एक खबर ने खलबली मचा दी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1B वीजा प्रोग्राम के लिए नया आदेश जारी किया, जिसमें कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को हायर करने के लिए हर साल 100,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 83 लाख रुपये का शुल्क देना होगा। ये ट्रंप H1B आदेश IT और टेक कंपनियों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि H1B वीजा शुल्क पहले सिर्फ 2,000 से 5,000 डॉलर तक था। लेकिन व्हाइट हाउस ने जल्दी ही स्पष्ट किया कि ये शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा।

ट्रंप ने 19 सितंबर को ये प्रोजेक्ट साइन किया, जो 21 सितंबर से लागू हो गया। आदेश में कहा गया कि H1B वीजा का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे अमेरिकी वर्कर्स की नौकरियां जा रही हैं। कंपनियां जैसे अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने तुरंत अपने H1B वीजा धारक कर्मचारियों को ईमेल भेजे। उन्होंने कहा कि अगर आप अमेरिका के बाहर हैं, तो फौरन लौट आएं। कई भारतीयों ने अपनी भारत यात्रा कैंसल कर दी। लेकिन शनिवार को व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि मौजूदा वीजा धारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

भारत से सबसे ज्यादा H1B वीजा मिलते हैं। पिछले साल 71 फीसदी अप्रूवल भारतीयों को हुए, जबकि 11.7 फीसदी चीनी नागरिकों को। अमेरिका में करीब 7,30,000 H1B वीजा होल्डर्स हैं, जिनमें ज्यादातर सॉफ्टवेयर इंजीनियर और टेक प्रोफेशनल्स हैं। ये वीजा 3 साल के लिए वैलिड होता है, जिसे 3 साल और बढ़ाया जा सकता है। लेकिन नए H1B वीजा शुल्क से फरवरी 2026 की लॉटरी में आवेदन करने वालों को परेशानी होगी। कंपनियों को हर कर्मचारी के लिए 6 साल तक ये फीस चुकानी पड़ सकती है।

ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये शुल्क नई याचिकाओं पर ही लगेगा। 21 सितंबर से पहले फाइल की गईं आवेदन इससे बाहर हैं। जो लोग अभी अमेरिका के बाहर हैं लेकिन उनका वीजा वैलिड है, उन्हें वापस आने के लिए कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं देनी होगी। अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने बयान जारी कर कहा कि मौजूदा होल्डर्स की ट्रैवल पर कोई पाबंदी नहीं। इससे हजारों भारतीय H1B कार्यकर्ता ने राहत की सांस ली।

कई कंपनियों ने घबराहट में स्टाफ को रोक लिया। अमेजन ने कहा कि पहले आधे 2025 में ही 12,000 से ज्यादा H1B अप्रूवल मिले। माइक्रोसॉफ्ट और मेटा को भी 5,000 से ऊपर मिले। लेकिन ये नया नियम लागू रहा तो टेक इंडस्ट्री पर बोझ बढ़ेगा। व्हाइट हाउस ने कहा कि ये अमेरिकी वर्कर्स को बचाने के लिए है। साथ ही, ट्रंप ने एक और ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा की घोषणा की, जिसमें अमीर विदेशी 1 मिलियन डॉलर देकर फास्ट ट्रैक वीजा पा सकेंगे।

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