बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को मंगलवार को लू लगने के बाद अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि अब उनकी तबियत में सुधार है और डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है। ये घटना आईपीएल मैच के दौरान हुई, जिसमें उनकी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने जीत हासिल की थी।
क्या होता है हीट स्ट्रोक?
हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और शरीर पसीने के माध्यम से तापमान नियंत्रित नहीं कर पाता। इससे शरीर में सोडियम और पोटेशियम जैसे लवणों का असंतुलन हो जाता है, जिससे विभिन्न अंग प्रभावित होते हैं और कई लक्षण सामने आते हैं।
हीट स्ट्रोक के लक्षण और अस्पताल कब जाना चाहिए?
हीट स्ट्रोक के लक्षणों में तेज बुखार, चक्कर आना, उल्टी, पेशाब न आना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकते हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। डॉक्टर सुरंजीत चटर्जी के अनुसार, “इस स्थिति में शरीर का तापमान तेजी से कम करना महत्वपूर्ण होता है, इसके लिए ठंडा पानी डालना, ठंडे पेय पदार्थ पिलाना और इलेक्ट्रोलाइट्स देना मददगार हो सकता है।”
हीट स्ट्रोक से कैसे बचें?
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच सीधी धूप में बाहर निकलने से बचें। इस दौरान ज़ोरदार शारीरिक गतिविधि से भी दूर रहें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे। छाछ, नींबू पानी, और ओआरएस जैसे तरल पदार्थ लें। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से बचें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, धूप का चश्मा, छाता और जूते का इस्तेमाल करें। घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे या शेड का उपयोग करें, और शरीर के तापमान को कम रखने के लिए गीले कपड़े का उपयोग करें या ठंडे पानी से नहाएं।
आर्द्रता और रात का तापमान क्यों महत्वपूर्ण है?
उच्च आर्द्रता के कारण शरीर का तापमान वास्तविक तापमान से अधिक महसूस होता है। साथ ही, उच्च आर्द्रता में पसीना जल्दी नहीं सूखता, जिससे शरीर ठंडा नहीं हो पाता। रात का तापमान अधिक होने पर शरीर को आराम नहीं मिलता, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ये भी पढ़ें: रोज़ कितना फाइबर खाना चाहिए? ज़्यादा फाइबर से हो सकती हैं ये परेशानियां!