क्या आप भी दिन में सोने के आदि हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए, क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं दोपहर में सोना आपके लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है? इसे जानकर आप आज से ही दिन में सोने की आदत को हमेशा के लिए त्याग देंगे।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
डॉक्टरों की मानें तो दोपहर में नींद लेना भले ही आपको थोड़ी देर के लिए तरोताजा फील करा दे, लेकिन उससे दिन की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यानी इसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा पांच गुणा ज्यादा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो हर रोज दिन में 30 मिनट का नींद अनियमित दिल की धड़कन के खतरे को बढ़ा देती है। आपको शायद इस बात की जानकारी हो कि 20 हजार से ज्यादा लोगों के डाटा का विश्लेषण करने के बाद शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष निकाला है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि इन लोगों के दिल की धड़कन नॉर्मल थी, लेकिन जैसे ही इन्हें सोने के लिए बोला गया उनकी धड़कनें बढ़ गई।
रात को नींद आने में होती है परेशानी
शोधकर्ताओं ने अपने अध्यन के आधार पर ये भी बताया है कि अगर किसी की नींद रात में पूरी नहीं हुई हो, तो उनके लिए दोपहर में झपकी लेना लाभदायक हो सकता है। हालांकि इस हालात में भी जरूरत से ज्यादा नींद लेना नुकसानदेह हो सकता है। साथ ही दिन में सोने की वजह से रात को नींद आने में भी परेशानी होती है।
चाणक्य ने बताए हैं ये 3 नुकसान
चाणक्य का मानना है कि दोपहर में सोने से कार्य में हानी होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा दिन में सोने से अपच, पेट में गैस जैसी परेशानियां घेर लेती है, जिससे अन्य कई तरह की शारीरिक परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं। यही नहीं चाणक्य ने तीसरा जो नुकसान बताया है वो ये है कि, कोई इंसान अगर दिन में सोता है तो उसकी आयु भी कम हो सकती है. इसके पीछे वजह ये है कि सोने के वक्त सांस की गती तेज हो जाती है। यानी कि जागते हुए कोई इंसान जितनी सांस लेता है, उससे ज्यादा वो सोते हुए लेता है। ऐसे में चाणक्य का कहना है कि हर इंसान की आयु निर्धारित है, इसलिए दिन में सोना आयु कम करने का कारण बन सकता है।
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