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प्रेगनेंसी में कितना हानिकारक है थायराइड, क्या कंसीव करने में होती है दिक्कत?

थायराइड
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थायराइड एक ऐसी आम बीमारी है, जो हर 7वीं से 8वीं महिला में पाई जाती है। एक रिसर्च की मानें तो दुनियाभर की करीब 60 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं के बराबर है। ऐसी महिलाओं को प्रेगनेंसी में कई परेशानी होने की संभावना होती है, लेकिन जिन्हें थायराइड के बारे में जानकारी है वो इससे होनेवाले नुकसान से खुद को बचा लेती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

क्या होता है थायराइड?
थायराइड दो तरह का होता है। पहला तो होता है हाइपोथायराडिज्म और दूसरा होता है हाइपरथायराडिज्म। अब इन दोनों में फर्क को कैसे समझें? तो बता दें कि जब मुंह में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि हार्मोन नहीं बनाती है, तो उसे हाइपोथायराडिज्म कहा जाता है और जब थायराइड हार्मोन ज्यादा बनने लगता है तो उसे हाइपरथायराडिज्म कहा जाता है। ये दोनों ही थायराइड अच्छा नहीं होता है। पीड़ितों के लिए जी का जंजाल बन जाती है। इसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ परेशानियां होने लगती है। कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें ये लगता है कि अगर उन्हें थायराइड है, तो वो कंसीव नहीं कर पाएंगी। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं।

क्या थायराइड के कारण कंसीव करने में होती है दिक्कत?
हैल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो थायराइड से पीड़ित महिलाएं भी कंसीव कर सकती हैं। वैसे कई महिलाओं में ये परेशानी देखी गई है कि थायराइड की वजह से पीड़ित महिला को कंसीव करने में दिक्कत हुई है। हालांकि एक बात जो ध्यान देनेवाली है, कि अगर लाइफस्टाइल को बेहतर रखा जाए तो किसी भी महिला को थायराइड रहने के बावजूद कंसीव करने में परेशानी नहीं होगी। वैसे डॉक्टरों की मानें तो डिलीवरी के बाद थायराइड से पीड़ित महिला और उसके बच्चे को परेशानी हो सकती है।

प्रेगनेंसी में थायराइड से क्या परेशानी हो सकती है?
हाइपोथायराडिज्म हो या फिर हाइपरथायराडिज्म दोनों ही थायराइड प्रेगनेंसी में परेशानी का सबब बन सकते हैं। हाइपोथायराडिज्म की वजह से मिसकैरेज, बांझपन, एनीमिया, प्रीक्लेम्पसिया, बच्चे का वजन कम या फिर ग्रोथ की परेशानी हो सकती है। जबकि हाइपरथायराडिज्म की वजह से प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर और बच्चे का वक्त से पहले जन्म जैसी परेशानी हो सकती है। यहां तक थायराइड में बच्चे का दिमाग पर भी असर पड़ने की बात कही जाती है। संभव के कि मां को थायराइड होने की वजह से बच्चे का आईक्यू लेवल प्रभावित हो।

प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड हो तो क्या करें?
1. समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाते रहें, ताकि थायराइड को मेंटेन किया जा सके।
2. अपने खान-पान का काफी खास ध्यान रखें। आयोडिन से भरपूर और संतुलिस आहार का सेवर करना फायदेमंद रहता है।
3. डॉक्टर के कहे अनुसार सही समय पर दवा का सेवन करते रहें
4. डॉक्टर की सलाह पर नियमित योग और व्यायाम करना भी काफी लाभदायक होता है।

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