Hydro Power Projects: सोमवार को अरुणाचल प्रदेश पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईटानगर में कई बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की। इनमें हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स सबसे खास हैं, जो राज्य को स्वच्छ ऊर्जा से भरपूर करेंगे। पीएम मोदी ने हियो हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (240 मेगावाट) और टाटो-आई हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (186 मेगावाट) का शिलान्यास किया। ये दोनों प्रोजेक्ट्स मिलकर 3700 करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं। नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (नीपको) इन्हें अरुणाचल सरकार के साथ मिलकर बनाएगा।
हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स पानी की ताकत से बिजली बनाते हैं। ये कोयला या गैस जलाए बिना काम करते हैं, इसलिए कोई धुआं या प्रदूषण नहीं फैलता। हियो प्रोजेक्ट शियोमी जिले के सियम सब-बेसिन में बनेगा। ये सालाना करीब 1000 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करेगा। टाटो-आई प्रोजेक्ट भी यार्जेप नदी पर बनेगा और 803 मिलियन यूनिट बिजली देगा। दोनों मिलकर 1800 मिलियन यूनिट से ज्यादा बिजली बनाएंगे। पीएम मोदी अरुणाचल दौरा के दौरान कुल 13 प्रोजेक्ट्स के लिए 5127 करोड़ रुपये की आधारशिला रखी।
अब समझते हैं कि हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कैसे बिजली बनाता है। सबसे पहले नदी पर मजबूत बांध बनता है। ये बांध पानी को रोककर उसकी ताकत जमा करता है। फिर मोटे पाइप, जिन्हें पेनस्टॉक कहते हैं, से पानी को तेज गति से नीचे की तरफ भेजा जाता है। ये पानी टर्बाइन के ब्लेड्स से टकराता है। पानी का तेज बहाव टर्बाइन को घुमाता है। टर्बाइन से जुड़ा जनरेटर घूमता है, जिसमें चुंबक और तार की कुंडली होती है। इसी घूमने से बिजली पैदा होती है। फिर ट्रांसफॉर्मर से बिजली को लाइनों के जरिए घरों तक पहुंचाया जाता है।
ये प्रोजेक्ट्स सिर्फ बिजली ही नहीं देते। बांध से सिंचाई का पानी मिलता है, जो खेतों को हरा-भरा रखता है। बाढ़ के समय पानी को कंट्रोल करके नुकसान रोकते हैं। बांध के पानी में मछली पालन हो सकता है। पर्यावरण साफ रहता है क्योंकि कोई ईंधन जलता नहीं। स्थानीय लोगों को नौकरियां मिलेंगी और पर्यटन भी बढ़ेगा। अरुणाचल को पूर्वोत्तर का पावरहाउस कहा जाता है, क्योंकि यहां पानी की ताकत बहुत है।
देश में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स कई जगहों पर चल रहे हैं। हिमाचल में भाखड़ा नांगल और नाथपा झाकड़ी हैं। उत्तराखंड में टिहरी डैम बड़ा नाम है। जम्मू-कश्मीर में सलाल और बगलिहार। पूर्वोत्तर में सिक्किम का तिस्ता प्रोजेक्ट और असम का कपिली। मध्य भारत में मध्य प्रदेश का इंदिरा सागर। दक्षिण में कर्नाटक का शरावती और केरल का इडुक्की। ये सब मिलकर देश को साफ बिजली देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये प्रोजेक्ट्स विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करेंगे।
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