एप्पल के प्रोडक्ट्स को दुनियाभर में हमेशा से ही पसंद किया जाता रहा है, लेकिन हाल के समय में भारत ने एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। जबकि चीन में एप्पल की लोकप्रियता घट रही है, भारत में इसके प्रोडक्ट्स की मांग लगातार बढ़ रही है। एप्पल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा, मैक्सिको, फ्रांस, जर्मनी, यूके और भारत जैसे देशों में कंपनी की सेल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
एप्पल की सेल में उछाल: भारत का योगदान
पिछले साल एप्पल को अपने प्रोडक्ट्स की सेल में गिरावट का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस साल की रिपोर्ट से साफ है कि कंपनी ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। एप्पल के रेवेन्यू में इस साल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें खासतौर पर भारत, इंडोनेशिया और फिलीपीन्स का योगदान रहा है। ये तीनों देश एप्पल के लिए तेजी से उभरते हुए बाजार बन रहे हैं, जबकि चीन में सेल्स में गिरावट जारी है।
चीन में एप्पल की गिरावट के कारण
चीन में एप्पल की सेल में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनियां नई टेक्नोलॉजी पर तेजी से काम कर रही हैं। जैसे कि ओप्पो ने सैटेलाइट नेटवर्क सपोर्ट करने वाले फोन्स बाजार में लॉन्च किए हैं, और शाओमी जैसे अन्य ब्रांड्स भी इसी दिशा में काम कर रहे हैं। इन नई तकनीकों की वजह से चीनी उपभोक्ता घरेलू ब्रांड्स को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे एप्पल की लोकप्रियता वहां घट रही है।
सैटेलाइट सर्विस का प्रभाव
चीन में कुछ कंपनियों ने फ्री सैटेलाइट नेटवर्क का एक्सेस देना भी शुरू कर दिया है। इससे यूजर्स चुनिंदा कंपनियों के फोन का इस्तेमाल करके सैटेलाइट नेटवर्क से मैसेज भेज सकते हैं। हुवावे, ऑनर, शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसे ब्रांड्स ने इस सेवा को उपलब्ध कराया है। इन सुविधाओं के चलते एप्पल को चीन में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, और कंपनी के लिए बाजार में बने रहना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
भारत में एप्पल की स्थिति
भारत में एप्पल के प्रोडक्ट्स को लेकर उपभोक्ताओं का उत्साह बना हुआ है। हालांकि भारत में सैटेलाइट मोबाइल नेटवर्क अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यहां के लोग एप्पल के स्मार्टफोन्स को उनकी बेहतरीन विशेषताओं के लिए पसंद करते हैं। भारतीय बाजार में एप्पल की पकड़ मजबूत हो रही है, और यहां की बढ़ती मांग कंपनी के लिए बड़े अवसर प्रस्तुत कर रही है।
एप्पल की सफलता का यह सिलसिला दर्शाता है कि कंपनी भारतीय बाजार में नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है, जबकि चीन जैसे प्रतिस्पर्धी बाजारों में उसे नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें: 30-32 लाख में बिका मेडिकल का सपना: NEET-UG पेपर लीक मामले में चौंकाने वाले खुलासे, जानें पूरी कहानी