India-UK Deal Cuts Alcohol Prices: भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच कई सालों की बातचीत के बा द आखिरकार मुक्त व्यापार समझौता हो गया। 24 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में इस डील पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार 34 अरब डॉलर यानी करीब 2850 अरब रुपये तक बढ़ सकता है।
इस डील से भारत के 99 फीसदी निर्यात, जैसे कपड़ा, जेनेरिक दवाएं, चमड़े का सामान, और कृषि उत्पाद, ब्रिटेन में बिना टैक्स के बिकेंगे। इससे भारतीय सामान वहां सस्ते होंगे और ज्यादा बिक्री होगी। दूसरी तरफ, ब्रिटेन के 90 फीसदी सामानों पर भारत में कस्टम ड्यूटी कम हो जाएगी। खासकर ब्रिटिश व्हिस्की, जिन और कारों की कीमतों में भारी कटौती होगी।
भारत ने ब्रिटिश व्हिस्की और जिन पर टैक्स को 150 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी कर दिया है। अगले 10 साल में ये टैक्स और कम होकर 40 फीसदी तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब है कि जॉनी वॉकर, चिवास रीगल, ग्लेनमोरांजी, टैनक्वेरे और बॉम्बे सैफायर जैसे ब्रांड भारत में सस्ते हो जाएंगे। मिसाल के तौर पर, 3000 रुपये की व्हिस्की की बोतल अब 1200 रुपये तक मिल सकती है, और 4000 रुपये की जिन 1600 रुपये में मिल सकती है।
इस समझौते से भारतीय शराब को भी फायदा होगा। गोवा की मशहूर फेनी, केरल की ताड़ी और नासिक की वाइन को ब्रिटेन में नया बाजार मिलेगा। ये देसी पेय अब लंदन की दुकानों और बड़े होटलों में बिकेंगे। भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक उसका अल्कोहल निर्यात 370.5 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाए। इससे भारतीय शराब उद्योग को नया मौका मिलेगा और ये स्कॉच व्हिस्की जैसे बड़े ब्रांडों से मुकाबला कर सकेंगे।
हालांकि, भारतीय शराब उद्योग को चिंता है कि अगर यूरोप और अमेरिका के साथ भी ऐसी डील हुई तो स्थानीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है। फिर भी, इस समझौते से भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन में बड़ा मौका मिलेगा, खासकर कपड़ा, चमड़ा और इंजीनियरिंग सामान के लिए। साथ ही, ये डील दोनों देशों में नौकरियां बढ़ाएगी और व्यापार को नया रास्ता देगी।