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Indigenous Pinaka Rocket: भगवान शिव के धनुष से प्रेरित, अमेरिकी हिमार्स से भी ज्यादा शक्तिशाली भारत का पिनाका, जानिए इसकी खास विशेषताएं और क्षमताएं

Indigenous Pinaka Rocket: भगवान शिव के धनुष से प्रेरित, अमेरिकी हिमार्स से भी ज्यादा शक्तिशाली भारत का पिनाका, जानिए इसकी खास विशेषताएं और क्षमताएं

Indigenous Pinaka Rocket: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है। स्वदेशी पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण कर भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह पूर्णतः स्वदेशी तकनीक से विकसित स्वदेशी पिनाका रॉकेट सिस्टम भारतीय सेना की मारक क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल

DRDO के कुशल वैज्ञानिकों ने पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) में इस अत्याधुनिक रॉकेट सिस्टम को विकसित किया है। इसके विकास में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हाल ही में किए गए परीक्षण में इस सिस्टम ने मात्र 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागकर अपनी असाधारण क्षमता का प्रदर्शन किया। यह परीक्षण तीन अलग-अलग स्थानों पर किया गया, जिसमें दो लॉन्चरों से कुल 24 रॉकेट दागे गए और सभी ने सटीकता से अपने लक्ष्यों को भेदा।

विकास का ऐतिहासिक सफर

पिनाका की यात्रा 1981 में शुरू हुई, जब भारतीय सेना को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की आवश्यकता महसूस हुई। 1986 में इस परियोजना के लिए DRDO को 26 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। 1999 के कारगिल युद्ध में पिनाका ने पाकिस्तानी सेना पर प्रभावी हमले कर अपनी क्षमता साबित की। 2000 में इसके लिए एक विशेष रेजिमेंट की स्थापना की गई। 19 अगस्त 2020 को इसके नए संस्करण का पोखरण में सफल परीक्षण किया गया।

Indigenous Pinaka Rocket: अत्याधुनिक तकनीक से लैस प्रणाली

भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ से प्रेरित इस रॉकेट सिस्टम की प्रमुख विशेषता इसकी असाधारण मारक क्षमता है। भारत का आधुनिक रॉकेट लांचर सिस्टम प्रति घंटा 5,757.70 किलोमीटर की अविश्वसनीय गति से लक्ष्य को भेद सकता है। इसमें छह लॉन्च वाहनों की एक बैटरी होती है, जो अत्याधुनिक रडार और नेटवर्क-आधारित कमांड सिस्टम से जुड़ी होती है। प्रत्येक लॉन्चर एक कमांड पोस्ट से नियंत्रित होता है, जो इसे अत्यधिक सटीक और नियंत्रित हमले करने में सक्षम बनाता है।

तकनीकी विशेषताएं और क्षमताएं: India’s Modern Rocket Launcher System

वर्तमान में इस सिस्टम के दो प्रमुख संस्करण हैं – मार्क I और मार्क II। मार्क I की मारक क्षमता 40 किलोमीटर है, जबकि मार्क II 75 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है। DRDO के वैज्ञानिक इसकी रेंज को बढ़ाकर 120-300 किलोमीटर तक करने की दिशा में निरंतर शोध कर रहे हैं। 214 मिलीमीटर के रॉकेट से लैस यह सिस्टम एक सेकंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला कर सकता है। साल 2023 में इसके 24 सफल परीक्षण किए गए, जो इसकी विश्वसनीयता को प्रमाणित करते हैं।

वैश्विक मानकों पर श्रेष्ठता

पिनाका की क्षमताएं विश्व के कई प्रमुख रॉकेट सिस्टम से कहीं बेहतर हैं। उदाहरण के लिए, यूक्रेन युद्ध में प्रयुक्त अमेरिकी हिमार्स मिसाइल सिस्टम की तुलना में पिनाका की मारक क्षमता 350 किलोमीटर अधिक है। जहां हिमार्स एक बार में केवल 6 रॉकेट दाग सकता है, वहीं पिनाका की क्षमता इससे दोगुनी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO और सेना को बधाई देते हुए कहा कि यह सिस्टम भारतीय सेना की क्षमताओं को और अधिक मजबूत करेगा।

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