Kash Patel Appointed FBI Director: अमेरिकी राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। भारतीय मूल के काश पटेल (Kash Patel) को FBI का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने उनके नाम पर दस्तखत कर दिए हैं, लेकिन यह फैसला डेमोक्रेट्स को रास नहीं आया। सीनेट में 51-49 वोटों से पास हुए इस फैसले का जबरदस्त विरोध हुआ, यहां तक कि डेमोक्रेट नेताओं ने कहा कि इस गलती का अहसास “कब्र तक होगा।”
ट्रंप के करीबी होने पर उठे सवाल
काश पटेल को FBI की कमान ऐसे समय में सौंपी गई है जब एजेंसी कई विवादों में घिरी हुई है। उनके ट्रंप से नज़दीकी संबंधों को लेकर विपक्षी डेमोक्रेट्स ने तीखी आलोचना की है। सीनेट में बहस के दौरान डेमोक्रेट सीनेटर क्रिस मर्फी (Chris Murphy) ने कहा,
“अगर आप काश पटेल को वोट देंगे, तो यह अब तक की सबसे बड़ी गलती होगी और आपको कब्र तक इस पर पछतावा होगा।”
डेमोक्रेटिक सीनेटर एडम शिफ (Adam Schiff) ने भी पटेल की नियुक्ति पर आपत्ति जताई और कहा, “यह व्यक्ति भरोसेमंद नहीं है। इसमें न ईमानदारी है और न ही इस पद के लिए आवश्यक चरित्र।”
व्हाइट हाउस ने शेयर किया ‘बाजीराव’ वीडियो
इस बीच, व्हाइट हाउस के आधिकारिक X (Twitter) हैंडल से एक अनोखा वीडियो शेयर किया गया, जिसने सुर्खियां बटोरीं। यह वीडियो बॉलीवुड फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ के मशहूर गाने ‘मल्हारी’ का एडिटेड वर्जन था, जिसमें रणवीर सिंह की जगह काश पटेल का चेहरा लगा दिया गया था। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया और लोग इसे लेकर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
Kash Patel Appointed FBI Director: कौन हैं काश पटेल?
कश्यप ‘काश’ पटेल भारतीय मूल के अमेरिकी वकील और पूर्व सरकारी अधिकारी हैं। उनका जन्म 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ था। उनके माता-पिता मूल रूप से गुजरात से थे, लेकिन युगांडा से अमेरिका आकर बस गए थे।
काश पटेल ने कानून की पढ़ाई की और लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाणपत्र प्राप्त किया। उन्होंने कई उच्च पदों पर कार्य किया है, जिनमें शामिल हैं:
- अमेरिकी रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ
- राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी कार्यक्रमों के सीनियर डायरेक्टर
डेमोक्रेट्स को क्यों है आपत्ति?
काश पटेल के पुराने बयानों और ट्रंप के प्रति वफादारी ने उन्हें डेमोक्रेट्स के निशाने पर ला दिया है।
- उन्होंने FBI के अधिकारियों को ‘अपराधी गैंगस्टर’ कहा था।
- 6 जनवरी 2021 के कैपिटल हिंसा में शामिल दंगाइयों को ‘राजनीतिक कैदी’ बताया।
- उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और मीडिया में ‘एंटी-ट्रंप साजिशकर्ता’ मौजूद हैं, जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
अब आगे क्या?
अब जब काश पटेल FBI प्रमुख बन चुके हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे एजेंसी में क्या बदलाव लाते हैं। ट्रंप प्रशासन के इशारों पर काम करने के आरोपों के बीच, उनके नेतृत्व में FBI की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं।
डेमोक्रेट्स का विरोध जारी है, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी और ट्रंप समर्थक उन्हें सही व्यक्ति बता रहे हैं। आने वाले दिनों में काश पटेल और FBI से जुड़े नए फैसले अमेरिकी राजनीति में हलचल मचाते रहेंगे।