मुंबई

KEM Hospital: मुंबई के केईएम अस्पताल में यौन उत्पीड़न का गंभीर मामला, छह महिला डॉक्टरों की शिकायत

KEM Hospital: मुंबई के केईएम अस्पताल में यौन उत्पीड़न का गंभीर मामला, छह महिला डॉक्टरों की शिकायत

KEM Hospital: मुंबई का केईएम अस्पताल, जो अपनी चिकित्सा सेवाओं और प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक चौंकाने वाले मामले के कारण सुर्खियों में आया है। इस अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में कार्यरत छह महिला डॉक्टरों ने अपने वरिष्ठ प्रोफेसर, डॉ. रविंद्र देवकर, पर यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) का गंभीर आरोप लगाया है। इन डॉक्टरों ने लिखित शिकायत में बताया कि प्रोफेसर ने बार-बार उनके साथ अनुचित व्यवहार किया, जिसमें शारीरिक और मौखिक दोनों तरह की हरकतें शामिल हैं। यह मामला न केवल अस्पताल की कार्य संस्कृति पर सवाल उठाता है, बल्कि कार्यस्थल पर महिलाओं की безопасности जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को भी सामने लाता है।

यह सब तब शुरू हुआ जब एक 32 वर्षीय महिला डॉक्टर, जो जून 2023 में केईएम अस्पताल में शामिल हुई थीं, ने अपनी शिकायत सामने रखी। उन्होंने बताया कि जब वे अस्पताल में नई-नई आई थीं, तब एक महिला क्लर्क ने उन्हें डॉ. रविंद्र देवकर के व्यवहार के बारे में चेतावनी दी थी। इसके बावजूद, उन्होंने अपने अनुभवों को गंभीरता से नहीं लिया, जब तक कि घटनाएं बार-बार होने लगीं। उनके अनुसार, डॉ. देवकर अक्सर महिला सहकर्मियों को सेल्फी लेने के बहाने पास बुलाते थे। इस दौरान वे कथित तौर पर उनकी पीठ और अन्य निजी अंगों को अनुचित तरीके से छूते थे। यह व्यवहार न केवल असहज करने वाला था, बल्कि कार्यस्थल पर उनकी गरिमा को भी ठेस पहुंचाता था।

इन महिला डॉक्टरों ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि डॉ. देवकर ने विभागीय आयोजनों और सम्मेलनों के दौरान भी ऐसी हरकतें कीं। एक घटना में, फरवरी 2025 में, डॉ. देवकर ने एक डॉक्टर के सिर और पीठ को अनुचित तरीके से छुआ, जबकि दो अन्य महिला डॉक्टर वहां मौजूद थीं। इन डॉक्टरों ने उनकी सहकर्मी को इस व्यवहार को गंभीरता से लेने की सलाह दी। इसके अलावा, मार्च 2025 में एक अन्य महिला डॉक्टर के साथ भी ऐसी ही घटना घटी। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. देवकर ने एक डॉक्टर पर साड़ी पहनने का दबाव डाला और उनकी तारीफ करते हुए अनुचित टिप्पणियां कीं। ये सभी घटनाएं यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) की श्रेणी में आती हैं और कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए असुरक्षित माहौल को दर्शाती हैं।

10 अप्रैल 2025 को, इन छह महिला डॉक्टरों ने अपनी लिखित शिकायत अस्पताल की डीन, डॉ. संगीता रावत, को सौंपी। शिकायत मिलने के बाद, डॉ. रावत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. रविंद्र देवकर को निलंबित कर दिया। साथ ही, इस मामले की विस्तृत जांच के लिए शिकायत को सावित्रीबाई फुले जांच समिति को भेज दिया गया। यह कदम न केवल पीड़ित डॉक्टरों के लिए राहत की बात है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अस्पताल प्रशासन इस तरह के गंभीर मामलों को हल्के में नहीं ले रहा। केईएम अस्पताल मामला (KEM Hospital Case) अब एक व्यापक चर्चा का विषय बन चुका है, जो कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

शिकायत के बाद, भोईवाडा पुलिस ने डॉ. रविंद्र देवकर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की प्रासंगिक धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की। पुलिस के अनुसार, जांचकर्ता उन सेल्फी तस्वीरों की तलाश कर रहे हैं, जो कथित तौर पर आरोपी ने पीड़ितों के साथ अनुचित शारीरिक संपर्क के दौरान ली थीं। ये तस्वीरें कथित तौर पर सामान्य बातचीत के बहाने ली गई थीं, लेकिन इनमें अनुचित व्यवहार स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद, डॉ. देवकर अपने वकील के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ की गई। चूंकि आरोप सात साल से कम की सजा वाले हैं, इसलिए उन्हें नोटिस के साथ छोड़ दिया गया। हालांकि, उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय का रुख किया और 22 अप्रैल तक अंतरिम राहत प्राप्त कर ली।

भोईवाडा पुलिस, वरिष्ठ इंस्पेक्टर सचिन कदम के नेतृत्व में, इस मामले की गहन जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में कई गंभीर बिंदु सामने आए हैं, और जांच अभी भी जारी है। यह मामला केवल एक व्यक्ति के व्यवहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी सुरक्षा के व्यापक मुद्दे को उजागर करता है। यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) जैसे मामलों में पीड़ितों की आवाज को सुनना और उनके साथ न्याय करना अत्यंत आवश्यक है।

केईएम अस्पताल मामला (KEM Hospital Case) न केवल मुंबई, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्रतिष्ठित संस्थानों में भी महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं। छह महिला डॉक्टरों की हिम्मत और एकजुटता इस मामले को सामने लाने में महत्वपूर्ण रही है। उनकी शिकायत ने न केवल एक गलत व्यवहार को उजागर किया, बल्कि अन्य महिलाओं को भी अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कार्यस्थल पर सम्मान और सुरक्षा हर कर्मचारी का अधिकार है, और इस अधिकार की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा।

#SexualHarassment #KEMHospital #WomenSafety #MumbaiNews #WorkplaceSafety

ये भी पढ़ें: D Company Threat: 10 करोड़ दे दो, वरना पिता की तरह मार डालेंगे! जीशान सिद्दीकी को D कंपनी से धमकी

You may also like