लाइफ स्टाइल

जानें हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व

तिलक
Image Source - Web

तिलक, जिसे “टीका” भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में माथे पर लगाया जाने वाला एक चिन्ह है। इसका धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है, जिसके बारे में अगर आप जान लेते हैं, तो तिलक लगाने में आपकी दिलचस्पी और ज्यादा बढ़ जाएगी। तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

धार्मिक महत्व
ईश्वर से जुड़ाव: तिलक को भगवान शिव का तीसरा नेत्र माना जाता है, जो ज्ञान और शक्ति का प्रतीक है। इसे माथे पर लगाने से व्यक्ति ईश्वर से जुड़ाव महसूस करता है और उनकी कृपा प्राप्त करता है।

पापों का नाश: धार्मिक मान्यता के अनुसार, तिलक लगाने से पापों का नाश होता है और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।

शुभ संकेत: तिलक को शुभता और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। तभी तो त्योहार, पूजा-पाठ और शुभ अवसरों पर तिलक लगाना आम बात है।

आध्यात्मिक महत्व
ध्यान केंद्रित करना: माथे के बीचो बीच जहां तिलक लगाया जाता है, वो “आज्ञा चक्र” होता है। माना जाता है कि तिलक लगाने से इस चक्र पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, जिससे एकाग्रता और आध्यात्मिकता बढ़ती है।

आत्म-साक्षात्कार: तिलक आत्म-साक्षात्कार और आत्म-ज्ञान का प्रतीक भी है। ये व्यक्ति को अपनी आंतरिक शक्ति और क्षमताओं को पहचानने में मदद करता है।

वैज्ञानिक महत्व
स्वास्थ्य लाभ: तिलक आमतौर पर चंदन, सिंदूर, या हल्दी से बनाया जाता है। इन पदार्थों में औषधीय गुण होते हैं जो एकाग्रता, स्मृति और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।

रक्त प्रवाह: तिलक लगाने से माथे पर हल्का रक्त संचार बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्व अधिक मात्रा में मिलते हैं।

इसके अलावा चंदन में संतुलनकारी और शीतलन प्रभाव होता है, जो मन को शांत करता है और एकाग्रता में सुधार करता है। चंदन की सुगंध मन को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करती है। यही नहीं, चंदन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। और तो और, तिलक लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और ये हमें धूप से होने वाले नुकसान से भी बचाता है। कह सकते हैं कि तिलक धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है।

तो चलिए अब अंत में इसे लगाने के नियम भी जान लेते हैं-
तिलक हमेशा स्नान करने के बाद ही लगाना चाहिए। तिलक लगाने के लिए अनामिका उंगली का प्रयोग करना चाहिए। तिलक लगाते समय “ॐ” मंत्र का जाप करना चाहिए। वैसे विभिन्न संप्रदायों और मतों में तिलक लगाने की अलग-अलग विधियां होती हैं।

ये भी पढ़ें: क्या प्याज का रस गंजापन का रामबाण इलाज है? जानिए बालों को घना करने के घरेलू उपाय और जरूरी बातें

You may also like