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लॉरेंस बिश्नोई गैंग: भर्ती, ऑपरेशन और आपराधिक गतिविधियों का काला सच

लॉरेंस बिश्नोई
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लॉरेंस बिश्नोई का गैंग भारत के आपराधिक जगत में एक कुख्यात नाम बन चुका है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी जैसे हाई-प्रोफाइल मर्डर में शामिल शूटर्स का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन उनका संबंध बिश्नोई गैंग से था। इस ब्लॉग में जानिए कि लॉरेंस बिश्नोई कैसे शूटरों की भर्ती करता है और उसका गैंग कैसे काम करता है।

लॉरेंस बिश्नोई कैसे करता है शूटरों की भर्ती?
लॉरेंस बिश्नोई का गैंग सोशल मीडिया के जरिए नए सदस्यों को भर्ती करता है। युवा लोग, खासकर नाबालिग, बिश्नोई की सोशल मीडिया छवि से प्रभावित होकर उसके गैंग में शामिल होते हैं। सिद्धू मूसेवाला हत्या कांड में शामिल नाबालिग शूटर का भी कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन उसने इस हत्या को अंजाम दिया।

सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के पास देशभर के 12 से अधिक राज्यों में 2000 से ज्यादा शूटर हैं, जिनमें से अधिकांश का आपराधिक रिकॉर्ड मामूली है या नहीं है।

किस प्रकार के लोग गैंग में शामिल होते हैं?
बिश्नोई के गैंग में ऐसे युवा भर्ती होते हैं, जो सोशल मीडिया पर उसे फॉलो करते हैं और उससे प्रभावित होते हैं। वे आमतौर पर कम उम्र के होते हैं और अक्सर टूटे हुए या बिखरे हुए परिवार से होते हैं। गैंग के लिए सबसे जरूरी यह होता है कि उनका निशाना सटीक हो।

गैंग का ऑपरेशन कैसे चलता है?
लॉरेंस बिश्नोई और उसका खास साथी गोल्डी बराड़, जो विदेश में बैठा है, एक कॉर्पोरेट कंपनी की तरह इस गैंग को चलाते हैं। ये लोग एनक्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बातचीत करते हैं और फिर अलग-अलग राज्यों और शहरों में मौजूद रिक्रूटर्स से संपर्क साधते हैं।

  • भर्ती करने वाले: ये लोग नए शूटरों की भर्ती करते हैं।
  • रेकी करने वाले: ये लोग वारदात से पहले टारगेट की जानकारी और लोकेशन इकट्ठा करते हैं।
  • लॉजिस्टिक्स टीम: हथियार और वाहनों की सप्लाई के लिए जिम्मेदार होती है।
  • छिपने की व्यवस्था: वारदात के बाद शूटर्स को छिपाने का इंतजाम करते हैं।

गैंग के सभी सदस्य एक-दूसरे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते, जिससे पुलिस के लिए इनका नेटवर्क पकड़ना मुश्किल हो जाता है।

लीगल टीम का रोल
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास एक लीगल टीम भी होती है, जो कानूनी मदद प्रदान करती है, खासकर तब जब कोई गैंग सदस्य गिरफ्तार होता है। इससे गैंग की आपराधिक गतिविधियों में कोई बाधा नहीं आती।

वारदात के बाद सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी लेना
गैंग किसी भी बड़े मर्डर को अंजाम देने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करके उसकी जिम्मेदारी लेता है। यह गैंग की रणनीति का हिस्सा है, जिससे उनके दुश्मनों और आम लोगों के बीच डर बना रहे।

खालिस्तानी आतंकी संगठनों से गठजोड़
गैंग की ज्यादातर कमाई उगाही, ड्रग्स और फिरौती से होती है। जांच एजेंसियों की मानें तो लॉरेंस बिश्नोई ने अपनी विदेश में पकड़ बढ़ाने के लिए खालिस्तानी आतंकी संगठनों से हाथ मिला लिया है। इन संगठनों के इशारे पर पंजाब में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया, लेकिन सरकार के दबाव के बाद ये गैंग अब फिर से देश में अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

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