Lawrence Bishnoi Gangster: लॉरेंस बिश्नोई का नाम आज देश में एक ख़तरनाक गैंगस्टर के रूप में जाना जाता है। वह न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। पंजाब के एक छोटे से गांव से शुरू होकर लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे ‘डॉन’ की उपाधि प्राप्त कर ली।
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे एक साधारण लड़का, जो कभी पुलिस को अंकल और भाई कहकर पुकारता था, एक कुख्यात अपराधी बन गया। चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह, जिन्होंने लॉरेंस को पांच बार पकड़ा है, ने इस कहानी के हर पहलू को उजागर किया है। आइए जानते हैं इस कहानी के पीछे की सच्चाई।
लॉरेंस का आरंभिक जीवन: मासूमियत से अपराध तक का सफर
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फाजिल्का में हुआ था। उसके पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे, और परिवार ने उसकी गोरी त्वचा की वजह से उसका नाम ‘लॉरेंस’ रखा, जिसका मतलब होता है ‘चमकता हुआ सफेद’। लेकिन उसका असली नाम सतविंदर सिंह बल्लू था। शुरुआत में लॉरेंस बिल्कुल साधारण जीवन जी रहा था, लेकिन जब वह चंडीगढ़ में कॉलेज की पढ़ाई के लिए आया, तो उसका रुझान धीरे-धीरे अपराध की ओर बढ़ने लगा।
चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में विक्की मिद्दुखेड़ा नामक छात्र नेता के साथ लॉरेंस का जुड़ाव हुआ। इस छात्र राजनीति में लॉरेंस की पहली गिरफ्तारी (Arrest) हुई थी। यह गिरफ्तारी तब हुई जब उसने गाड़ियों में आग लगा दी थी, जो उसके जीवन में पहला आपराधिक कदम था। पूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह के अनुसार, इस घटना के बाद लॉरेंस का आत्मविश्वास बढ़ने लगा। वह बार-बार पुलिस की गिरफ्त में आता, लेकिन हर बार बेल पर छूट भी जाता। धीरे-धीरे वह अपराध की गहराइयों में समाता चला गया।
जेल में बदलती जिंदगी: गैंगस्टर्स के संपर्क में आने से बढ़ता अपराध
लॉरेंस की बार-बार जेल में आने-जाने की वजह से उसका संपर्क खतरनाक अपराधियों से हो गया। जेल में अन्य कैदियों के साथ समय बिताने के दौरान उसने अपराध की दुनिया के कई गुर सीखे। यहीं पर उसकी मुलाकात रंजीत सिंह डुपला से हुई, जिसने उसे जसविंदर सिंह रॉकी से मिलवाया। रॉकी पहले से ही एक बड़ा गैंगस्टर था और मुख्तार अंसारी ग्रुप से जुड़ा हुआ था। लॉरेंस ने रॉकी को अपना गुरु माना और उसकी शरण में जाकर अपने अपराधी जीवन का विस्तार किया। इसके बाद से ही लॉरेंस का रुतबा (Reputation) बढ़ने लगा, और लोग उसे गंभीरता से लेने लगे।
जेल में लॉरेंस की मुलाकात ऐसे अपराधियों से होती रही, जिन्होंने उसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इन कैदियों ने उसे छोटे-छोटे काम देकर अपराध की दुनिया में उसका आत्मविश्वास बढ़ाया। इन कामों के जरिए उसका अपराध का नेटवर्क बड़ा होता चला गया। उसने जेल में रहकर अपने अपराध को न केवल जारी रखा, बल्कि अपनी पहचान को और भी मजबूत किया। इस दौरान लॉरेंस ने अपने आसपास के लोगों को अपने साथ मिलाकर एक मजबूत गैंग तैयार कर ली।
गुरु और साथियों का प्रभाव: क्राइम की सीढ़ियां चढ़ता लॉरेंस
जेल से छूटने के बाद लॉरेंस का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया था। उसने अपने गुरु रॉकी फाजिल्का से अपराध की नई तरकीबें सीखीं और उसका नाम अपराध की दुनिया में मशहूर हो गया। इसके बाद लॉरेंस का संपर्क गोल्डी बराड़ से हुआ। गोल्डी एक पढ़ा-लिखा लड़का था, जो पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र रह चुका था। विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के बाद गोल्डी ने लॉरेंस के साथ मिलकर अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने का काम शुरू कर दिया।
गोल्डी से जुड़कर लॉरेंस ने कई अपराधी गिरोहों (Criminal Gangs) के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। इस तरह के संबंधों ने उसे और भी ताकतवर बना दिया। समय के साथ लॉरेंस और गोल्डी का आपसी जुड़ाव और गहरा होता गया, और दोनों ने मिलकर अपराध की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इस दौरान लॉरेंस ने खुद को एक नेता के रूप में स्थापित किया, जो अपने आदेश पर बड़े-बड़े अपराध करवाता था।
ब्रांडेड कपड़े और स्टाइलिश लुक से बढ़ती पहचान
लॉरेंस के अपराधी जीवन के साथ-साथ उसकी स्टाइल (Style) में भी बदलाव आने लगा। वह धीरे-धीरे ब्रांडेड कपड़े पहनने और स्टाइलिश दिखने का शौकीन बन गया। इस बदलाव से उसका व्यक्तित्व और भी प्रभावशाली हो गया। अब उसकी पहचान एक ऐसे गैंगस्टर के रूप में हो चुकी थी, जो अपने अंदाज से लोगों को डराता था। जेल में उसके नए लुक और शैली ने अन्य अपराधियों को भी प्रभावित किया, और वह अपने साथी अपराधियों के लिए एक आदर्श बन गया।
लॉरेंस की गैंगस्टर छवि धीरे-धीरे और गहरी होती चली गई। जेल में रहते हुए उसने अपराध की दुनिया के अपने लक्ष्यों को और भी स्पष्ट किया और खुद को एक प्रख्यात गैंगस्टर के रूप में स्थापित किया। उसके आसपास के लोग उसके प्रति सम्मान और डर दोनों महसूस करने लगे। लॉरेंस का यह नया रूप उसे जेल में बंद बड़े-बड़े अपराधियों के बीच और भी खास बनाता चला गया।
समाप्ति: अपराध की गहराईयों में समाते हुए
लॉरेंस बिश्नोई का सफर एक सामान्य छात्र नेता से शुरू होकर एक कुख्यात गैंगस्टर बनने तक का है। उसके जीवन की इस कहानी में एक मासूम बच्चे से लेकर एक खतरनाक अपराधी बनने तक का सफर शामिल है। उसके संपर्क में आए लोगों ने उसे अपनी दुनिया में खींचा और धीरे-धीरे वह अपराध की गहराइयों में उतरता चला गया। उसके गुरु और साथियों ने उसे एक ऐसे मुकाम पर पहुंचाया, जहां वह एक खौफनाक नाम बन गया है। आज उसका नाम सुनकर लोग थर्रा जाते हैं, और उसके अपराध की दुनिया में उसकी पहचान कायम है।
कहानी का अंत नहीं: लॉरेंस बिश्नोई का यह सफर अभी समाप्त नहीं हुआ है। वह अब भी कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल है और उसका आतंक देश के कोने-कोने तक फैल चुका है। उसकी कहानी एक सबक भी है कि किस तरह एक गलत रास्ते पर चलने से जिंदगी का मकसद बदल सकता है।
#LawrenceBishnoi #GangsterStory #IndianCrime #CrimeLife #India
ये भी पढ़ें: Jharkhand Congress Manifesto: जाति सर्वेक्षण, मुफ्त राशन, महिला सुरक्षा- झारखंड चुनाव में कांग्रेस के मेगा वादे!