बुधवार को मौनी अमास्या के खास मौके पर महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए प्रयागराज में इकठ्ठा हुई, लेकिन स्नान से पहले ही रात को करीब 2 बजे ऐसी भगड़ मची कि हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए, कईयों के मौत की खबर भी आ रही है। अनेकों लोग एक-दूसरे से बिछड़ गए हैं। भगदड़ की वजह से सभी 13 अखाड़ों के शाही स्नान को रद्द कर दिया गया था। हालांकि सबकुछ शांत होने के बाद फिर से फैसला लिया गया कि स्नान किया जाएगा।
गौरतलब है कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम माने जाने वाला कुंभ मेला में ये पहली बार नहीं है, जब भगदड़ की वजह से श्रद्धालुओं को खासा परेशानी झेलनी पड़ी। इससे पहले भी कई बार कुंभ मेले में भगदड़ की घटना घट चुकी है। तो आइए जानते हैं कब मची थी सबसे बड़ी भगदड़ और कितने श्रद्धालुओं को गंवानी पड़ी थी अपनी जान।
1954 में मची थी सबसे बड़ी भगदड़
भारती की आजादी के बाद साल 1954 में कुंभ मेला लगा था। इस कुंभ मेले को एक त्रासदी के तौर पर भी जाना जाता है। उस साल के कुंभ मेले में भी 3 फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के दिन ही प्रयागराज में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ इकठ्ठा हुई थी। उसी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें 800 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।
1986 में 200 श्रद्धालिओं की गई थी जान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1986 के कुंभ मेले में भी भगदड़ मच गई थी, जिसमें करीब 200 श्रद्धालुओं के जान गंवाई थी। बताया जाता है कि उस दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह अन्य कई राज्यों के मुख्यमंंत्री व सांसदों के साथ हरिद्वार गए थे। ऐसे में जब सुरक्षाकर्मियों ने आम लोगों को नदी किनारे जाने से रोका तो श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई, जिसका परिणाम ये हुआ कि भगदड़ मच गई और कईयों की जान चली गई।
2003 में भी मची थी भगदड़
साल 2003 में भी नासिक में हुए कुंभ मेले में इसी तरह की भगदड़ मची थी, जब हजारों श्रद्धालु गोदावरी नदी में पवित्र स्नान के लिए इकट्ठा हुए थे। उस भगदड़ में करीब 39 श्रद्धालुओं के मौत की खबर आई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
2013 के भगदड़ में 42 लोगों की गई थी जान
ये घटना 10 फरवरी 2013 की उत्तर प्रदेश में लगे कुंभ मेले की है, जब इलाहाबद के रेलवे स्टेशन पर एक फुटब्रिज के गिर जाने की वजह से भगदड़ मच गई थी। उस भगदड़ में करीब 42 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जबकि 45 लोगों के घायल होने की खबर आई थी।
अब साल 2025 को मौनी अमावस्या के खास मौके पर इकट्ठा हुई श्रद्धालिओं की भीड़ में भगदड़ मच गई और अनेकों लोग इसमें हताहत हुए। सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी तक स्थिती पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। अच्छी बात ये है कि अब हालात काबू में है और सबकुछ पहले की तरह नॉर्मल होता दिख रहा है, लेकिन निश्चित रूप से ये घटना भी अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी और श्रद्धालुओं को ये सीख देती रहेगी, कि श्रद्धा अपनी जगह और सुरक्षा अपनी जगह। भीड़ को ध्यान में रखते हुए सचेत रहें। अपनी और अपनों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें व अस्था की डुबकी लगाकर सुरक्षित अपनों के पास घर पहुंचे।
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