महाराष्ट्र

Seat distribution in Mahayuti Alliance: महायुति में सीटों का बंटवारा फाइनल! जानिए BJP-शिवसेना-NCP कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा

Seat distribution in Mahayuti Alliance: महायुति में सीटों का बंटवारा फाइनल! जानिए BJP-शिवसेना-NCP कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा
Seat distribution in Mahayuti Alliance: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से सीट बंटवारे (Seat Allocation) की सुर्खियां हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों को लेकर महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) के तीन प्रमुख दलों—भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना शिंदे गुट, और अजित पवार की राकांपा (NCP) के बीच सीटों का बंटवारा लगभग तय हो चुका है।

इस राजनीतिक परिदृश्य में, बीजेपी, जो पहले से ही सत्ता में है, अपने साथ ओबीसी समुदाय को जोड़ने की रणनीति के तहत आगामी चुनावों में बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रही है।

महायुति गठबंधन में प्रमुख दलों के बीच यह सीट बंटवारा इस साल की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना बन चुकी है, जहां प्रत्येक दल अपने-अपने क्षेत्रों में अधिकतम सीटों को पाना चाहता है।

महायुति गठबंधन में सीट बंटवारा: Seat distribution in Mahayuti Alliance

बीजेपी ने 288 सीटों में से 158 सीटों (158 Seats) पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। शिवसेना शिंदे गुट को 70 सीटें (70 Seats) दी जा रही हैं, जबकि अजित पवार की एनसीपी को 50 सीटों (50 Seats) पर लड़ने का मौका मिलेगा। बीजेपी का यह फैसला इस बात को ध्यान में रखकर किया गया है कि शिवसेना का शिंदे गुट हाल के राजनीतिक घटनाक्रम में बीजेपी के साथ लगातार खड़ा रहा है, वहीं अजित पवार का एनसीपी गुट अब बीजेपी के साथ गठबंधन में अपनी जगह बना रहा है।

बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस चुनाव में ओबीसी समुदाय को लामबंद कर कांग्रेस के महा विकास आघाडी (एमवीए) को टक्कर देना चाहती है। ओबीसी समुदाय का समर्थन हासिल करने से बीजेपी को एक मजबूत वोट बैंक मिल सकता है, जिससे उसकी चुनावी स्थिति और सशक्त होगी।

महायुति और एमवीए की रणनीति

महायुति गठबंधन का ये बंटवारा तब आया है जब कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी गठबंधन (MVA) की रणनीति पर काम कर रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में एमवीए ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि महायुति गठबंधन सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गया था। इस बार महायुति ने चुनावों में अपनी पुरानी हार को सुधारने की ठानी है और ओबीसी और मराठा वोट बैंक पर खास नजर रखी है।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में इस बात पर गहन चर्चा हुई कि किन सीटों पर एंटी-इंकम्बेंसी का प्रभाव है और वहां किस तरह से रणनीति बनाई जा सकती है। बैठक में ओबीसी और मराठा वोट बैंक पर जोर देते हुए उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया को भी जल्द से जल्द पूरा करने की बात कही गई।

बीजेपी की चुनावी रणनीति

बीजेपी और महायुति के अन्य दलों के बीच जो सीटों का बंटवारा हुआ है, उसमें जातीय समीकरणों, सामाजिक मुद्दों और स्थानीय विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। बीजेपी ने अपनी सीटों के बंटवारे के साथ ही उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया है।

16 अक्टूबर को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी, जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस बार पिछड़े और वंचित तबकों को ध्यान में रखकर ही चुनावी मैदान में उतरेगी, जिससे उसे अधिकतम समर्थन मिल सके।

बीजेपी की इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखना है। खासकर ओबीसी और मराठा समुदायों के लिए आकर्षक घोषणाएं की जाएंगी, जिससे इन वर्गों का समर्थन भी सुनिश्चित किया जा सके।

महाराष्ट्र में बदलता राजनीतिक समीकरण

महाराष्ट्र की राजनीति में सीट बंटवारे का यह खेल महायुति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार की एनसीपी के बीच हुआ यह समझौता आने वाले विधानसभा चुनावों में महायुति को एक बड़ा फायदा दिला सकता है। वहीं, एमवीए (MVA) के साथ कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी मिलकर इस बार सत्ता परिवर्तन के लिए रणनीति बना रहे हैं।

महायुति की ओर से किए जा रहे इस सीट बंटवारे के बाद अब देखना यह होगा कि क्या यह राजनीतिक संतुलन एमवीए के सामने टिक पाएगा या फिर महाराष्ट्र की जनता एक नया राजनीतिक अध्याय लिखेगी।

ये भी पढ़ें: Waqf land scam: क्या खरगे जिम्मेदार हैं? JPC की बैठक में वक्फ भूमि घोटाले पर आरोप, विपक्ष नाराज!

You may also like