महाराष्ट्र के लोकसभा चुनावों के पांचवें और अंतिम चरण में मतदान की गति को लेकर शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के नेता संजय राउत ने निर्वाचन आयोग पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विस्तारित शाखा” के रूप में काम कर रहा है।
राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र के उन लोकसभा क्षेत्रों में, जहां महा विकास आघाडी (एमवीए) के उम्मीदवारों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, वहां मतदान प्रक्रिया धीमी थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि जिन क्षेत्रों में भाजपा या उसके सहयोगी दलों को अधिक वोट मिलने की संभावना थी, वहां चुनाव निर्बाध हुआ।
निर्वाचन प्राधिकारियों के अनुसार, मुंबई के छह क्षेत्र सहित 13 लोकसभा क्षेत्रों में सोमवार को औसत 54.33 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2019 के आम चुनावों में मुंबई में 55.38 प्रतिशत मतदान हुआ था। राउत ने आरोप लगाया कि ठाणे और कल्याण में मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई जहां शिवसेना (यूबीटी) को अधिक वोट मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि मुंब्रा (ठाणे जिले में) के कुछ बूथ पर एक घंटे में केवल 11 वोट डाले जा सके और ऐसा सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा के हारने के डर के कारण हुआ।
राउत ने यह भी कहा कि मतदान प्रक्रिया को धीमा करने के ऐसे प्रयास आखिरी मिनट तक किए गए, लेकिन मतदाताओं पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह खुद को बचाने का भाजपा का आखिरी प्रयास था। इस तरह के आरोप चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हैं और इस पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है।