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महाराष्ट्र सरकार बनाएगी शराब, जो होगा सबसे हटकर, जानें क्या होगी खासियत

शराब
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महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देसी और विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया। इस फैसले से शराब की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। इसके साथ ही सरकार ने ‘महाराष्ट्र मेड लिकर (MML)’ नाम से एक नया ब्रांड लॉन्च करने की घोषणा की है, जिसका मकसद राज्य की आय बढ़ाना है।

देसी और विदेशी शराब पर टैक्स में इजाफा
राज्य सरकार ने इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) पर एक्साइज ड्यूटी को 50% तक बढ़ा दिया है। अब ये ड्यूटी प्रोडक्शन कॉस्ट की 4.5 गुना होगी, जो पहले 3 गुना थी। देसी शराब पर भी टैक्स को 180 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 205 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस बदलाव से IMFL और विदेशी ब्रांड की कीमतों में करीब 50% की बढ़ोतरी होने की संभावना है।

उदाहरण के लिए, 180 मिलीलीटर की देसी शराब की बोतल, जो पहले 60 से 70 रुपये में मिलती थी, अब 80 रुपये में मिलेगी। IMFL की एक बोतल की कीमत 115-130 रुपये से बढ़कर 205 रुपये तक हो सकती है। वहीं, प्रीमियम विदेशी शराब की बोतल, जो पहले 210 रुपये में उपलब्ध थी, अब 360 रुपये तक पहुंच सकती है।

राजस्व बढ़ाने के लिए MML की शुरुआत
महाराष्ट्र सरकार ने ‘महाराष्ट्र मेड लिकर (MML)’ नाम की एक नई शराब कैटेगरी शुरू की है, जो देसी और विदेशी शराब के बीच की श्रेणी होगी। ये शराब केवल राज्य में उत्पादित अनाज-आधारित उत्पादों से बनाई जाएगी। MML पर देसी शराब जैसा ही टैक्स लगेगा, लेकिन इसकी बिक्री केवल FL-2 और FL-3 लाइसेंसधारकों के माध्यम से होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से सालाना करीब 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।

किसानों और स्थानीय उद्योग को फायदा
सरकार का कहना है कि MML की शुरुआत से स्थानीय किसानों को लाभ होगा, क्योंकि अनाज की मांग बढ़ेगी। महाराष्ट्र में शराब बनाने वाली 70 कंपनियों में से 38 बंद पड़ी हैं। MML के जरिए इन कंपनियों को दोबारा शुरू करने का मौका मिलेगा, जिससे स्थानीय उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

उद्योग ने जताई चिंता
शराब उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने इस फैसले की आलोचना की है। उद्योग विशेषज्ञ प्रमोद कृष्णा ने कहा, “महाराष्ट्र पहले से ही शराब पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाला राज्य है। अब कीमतें और बढ़ने से तस्करी का खतरा बढ़ सकता है। पड़ोसी राज्यों से सस्ती शराब लाकर बेचना आम हो सकता है।”

ये फैसला जहां सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने का जरिया हो सकता है, वहीं आम उपभोक्ताओं और शराब उद्योग के लिए नई चुनौतियां भी ला सकता है। वैसे आपका इसपर क्या कहना है, हमें कमेंट कर जरूर बताएं।

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