Maratha Reservation: हाईलाइट्स –
मराठा आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता मनोज जरंगे ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जरंगे ने 18 या 19 फरवरी को मुंबई जाकर ‘कुणबी मराठा’ के ‘रक्त संबंधियों’ वाले सरकारी प्रस्ताव को कानून बनाने की मांग करने का ऐलान किया है।
जालना में भूख हड़ताल करते हुए जरांगे की तबियत बिगड़ गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण व अन्य मांगों पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।
मनोज जरंगे का आरोप
मराठा आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठाओं को पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल करने की मांग करते हुए गुरुवार को ऐलान किया कि वे ‘कुणबी मराठा’ के ‘रक्त संबंधियों’ का मामला उठाने 18 या 19 फरवरी को मुंबई जाएंगे।
जरांगे पाटिल जालना जिले में पिछले छह दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, जिससे उनकी तबियत काफी बिगड़ गई है। (Maratha Reservation)
क्या हैं जारांगे पाटिल की मांगें?
कुणबी मराठा के ‘रक्त संबंधियों’ के बारे में सरकारी प्रस्ताव को कानून बनाया जाए।
महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
पिछले साल आंदोलन के दौरान मराठा प्रदर्शनकारियों पर लगे मुकदमे वापस लिए जाएं।
जरांगे पाटिल का सरकार को इशारा
जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा कि, “रामायण में हनुमानजी ने पूंछ से लंका जला दी थी। अगर मेरी मौत होती है तो मराठा पूरे महाराष्ट्र को लंका बना देंगे।” उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महाराष्ट्र में किसी भी सभा को नहीं होने दिया जाएगा।
जरांगे पाटिल का समाज से आग्रह
जरांगे पाटिल ने अपने समुदाय से जालना में मराठा संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘बंद’ में शांतिपूर्ण भागीदारी की अपील की है।
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